केंद्रीय श्रम संगठनों ने केंद्र सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए संयुक्त रूप से मोर्चा खोल दिया है. साथ ही 23 और 24 फरवरी को हड़ताल की घोषणा की है. एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष साथी रमेंद्र कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को राज्य की ट्रेड यूनियनों ने फिजिकल और वर्चुअल दोनों माध्यमों से संयुक्त बैठक की. इसमें हड़ताल को सफल बनाने पर चर्चा की गयी.
बैठक में सीटू, एटक, एक्टू, एचएमएस, एआइयूटीयूसी, बेफी, एफएमआरआइए के अलावा इंश्योरेंस, निर्माण, इस्पात और कोयला उद्योग के नेतृत्वकारी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बैठक में तय हुआ कि आगामी आठ फरवरी को रांची के सीएमपीडीआइ में एक संयुक्त ट्रेड यूनियन कंवेशन आयोजित किया जायेगा. इसमें प्रत्येक संगठन से 20-20 लोग शामिल होंगे.
हड़ताल की तैयारी और संयुक्त प्रचार अभियान के समन्वय के लिए सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के दो-दो प्रतिनिधियों को लेकर एक कोर कमेटी बनायी गयी है. इसमें सीटू से आरपी सिंह, अनिर्वान बोस, एटक से अशोक यादव, सच्चिदानंद मिश्र, एक्टू से शुभेंदु सेन, भुवनेश्वर केवट एआइयूटीयूसी से मिंटू पासवान और अशोक साह रहेंगे. एचएमएस और इंटक से दो-दो नाम शामिल किये जायेंगे. कोर कमेटी के संयोजक सीटू के राज्य महासचिव प्रकाश विप्लव और सह संयोजक एटक के डिप्टी जेनरल सेक्रेटरी अशोक यादव होंगे.
मजदूर के हितों के लिए उचित निर्णय ले सरकार
सभी विभागों में संविदा कर्मियों को स्थायी करने की मांग
सभी क्षेत्र के न्यूनतम मजदूरी 24000 देने की मांग
सार्वजनिक उपक्रम को निजी हाथों में देने का विरोध
झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के आह्वान पर राज्य के सभी एमपीडब्ल्यू कर्मचारी आंदोलनरत हैं. विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को छठे दिन भी कर्मचारियों ने विरोध दर्ज करते हुए कलमबंद हड़ताल किया. एमपीडब्ल्यू की बहाली 2008 में हुई थी. लगभग 13 वर्ष बीतने के बावजूद आज तक एमपीडब्ल्यू का समायोजन विभाग में नहीं किया गया है. न ही 2016 से छह वर्ष के दौरान एमपीडब्ल्यू के मानदेय में एक रुपये की वृद्धि हुई है. 24 जनवरी को सभी जिलों के स्वास्थ्यकर्मी सांकेतिक रूप से एक दिन के हड़ताल पर रहेंगे. अपनी मांगों की जानकारी सिविल सर्जन को देंगे.
Posted by: Pritish Sahay