शिबू सोरेन की अध्यक्षता में मजदूर यूनियन की बैठक, प्राइवेट कंपनियों में 75% नौकरी व लैंड बैंक पर की ये मांग
मजदूर एवं विस्थापितों की ज्वलंत समस्याओं व हेमंत सरकार द्वारा निजी कंपनियों में विस्थापितों एवं स्थानीय को 75% नियोजन की घोषणा के क्रियान्वयन को लेकर सभी कंपनी के क्षेत्रों में चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया.
रांची: झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन एवं झारखंड श्रमिक संघ के केंद्रीय कार्यसमिति की संयुक्त बैठक केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन जी की अध्यक्षता में रांची के मोरहाबादी स्थित राजकीय अतिथिशाला के सभागार में हुई. इस बैठक में यूनियन के संगठनात्मक बिंदुओं, मजदूर एवं विस्थापितों के ज्वलंत समस्याओं, यूनियन के सदस्यता अभियान एवं संगठन की मजबूती पर विचार करते हुए झारखंड की विभिन्न कंपनियों जैसे सीसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल, डीवीसी, बोकारो स्टील, टाटा स्टील, इलेक्ट्रोस्टील, एसईसी, टाटा मोटर्स एवं निजी प्रतिष्ठानों के साथ-साथ बंगाल के ईसीएल क्षेत्रों में संगठन विस्तार करने का निर्णय लिया गया. इस दौरान हेमंत सरकार से लैंड बैंक जैसे नियम को अविलंब रद्द करने की अपील की गयी.
प्राइवेट कंपनियों में 75 फीसदी स्थानीय को नौकरी
मजदूर एवं विस्थापितों की ज्वलंत समस्याओं व हेमंत सरकार द्वारा निजी कंपनियों में विस्थापितों एवं स्थानीय को 75% नियोजन की घोषणा के क्रियान्वयन को लेकर सभी कंपनी के क्षेत्रों में चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानून में से 29 श्रम कानूनों को कंपनियों के मालिकों एवं पूंजीपतियों के हित में चार कोड में बदले जाने जैसे कानून को रघुवर सरकार ने झारखंड में वर्ष 2015, 2018 एवं 2019 में विधेयक पास किया था. उसे हेमंत सरकार द्वारा संशोधन करते हुए लागू नहीं होने का प्रस्ताव लाया गया, जो स्वागत योग्य है. इसके साथ साथ केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों में कार्यरत आउटसोर्स कंपनी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 25000 एवं समान काम-समान वेतन लागू करवाने का प्रस्ताव लाया गया.
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चलाया जाएगा सदस्यता अभियान
भाजपा की रघुवर सरकार द्वारा विस्थापितों की जमीन आसानी से छीनने के लिए लैंड बैंक बनाया गया था. उसके जरिए अभी तक विभिन्न कंपनियों, भू माफियाओं द्वारा नौकरशाह से गठजोड़ कर आसानी से विस्थापितों की जमीन लूटी जा रही है. प्रबंधन आसानी से अपना प्लांट व खदान चला रहा है और दूसरी तरफ विस्थापित अपनी जमीन व मकान के एवज में नौकरी व मुआवजा के लिए भटक रहे हैं. झारखंड में स्थित विभिन्न कंपनियों द्वारा ली गई विस्थापितों की जमीन के बदले मुआवजा एवं नौकरी नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त करते हुए वर्तमान हेमंत सरकार से लैंड बैंक जैसे नियम को अविलंब रद्द करने की अपील की गयी. बैठक में सर्वसम्मति से झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन एवं झारखंड श्रमिक संघ के संगठन विस्तार करने के लिए वर्ष 2023 में सदस्यता अभियान चलाने तथा मजदूर-विस्थापितों के ज्वलंत समस्याओं को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. बैठक में केंद्रीय उपाध्यक्ष केंद्रीय मथुरा प्रसाद महतो, विजय हांदसा, महासचिव फागु बेसरा, विनोद पांडे, शैलेंद्र कुमार मैथी, जय नारायण महतो, विजय रजवार, निशा हेमरोम, सपन बनर्जी, बोधन मांझी, लखी सोरेन, नकुल महतो, हराधन रजवार, अपूर्व सरकार, यूधेश्वर सिंह, रंथू उराव, सोनाराम मांझी, उमाशंकर चौहान, अर्चना गुप्ता, मुरारी ओझा, आरएन सिंह के साथ-साथ यूनियन के सभी केंद्रीय समिति सदस्य उपस्थित थे.