उत्तराखंड में फंसे मंजदूरों को एयरलिफ्ट कर लाया जा रहा है रांची, जानें कब पहुंचेंगे झारखंड

इंडिगो की फ्लाइट से ये सभी लोग शाम 8 बजे रांची पहुंचेंगे. बता दें कि टनल हादसे के तुरंत बाद राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए एक टीम को अपने लोगों की सलामती का पता लगाने के लिए घटनास्थल पर भेजा था.

By Mithilesh Jha | November 30, 2023 8:38 PM

उत्तराखंड के सिल्कियारा टनल में जीवन और मौत से संघर्ष के बाद बाहर निकले झारखंड के सभी श्रमिकों के परिजनों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है. ये सभी लोग अपने घर लौट रहे हैं. जी हां. उत्तराखंड में मजदूरी करने गए जो लोग टनल में 17 दिनों तक फंसे रहे थे, उनकी सुरक्षित अपने घर वापसी हो रही है. हेमंत सोरेन सरकार इन सभी लोगों को एयरलिफ्ट कर रांची ला रही है. इसके लिए बाकायदा अधिकारियों की एक टीम की तैनाती कर दी गई है. बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिल्कियारा टनल में 17 दिनों तक विपरीत परिस्थितयों में रहने के बाद सुरक्षित बाहर निकाले गए झारखंड के 15 मजदूरों को एयरलिफ्ट कर शुक्रवार (1 दिसंबर) को रांची लाया जाएगा. इनसे मिलने के लिए उत्तराखंड गए 12 परिजन भी इंडिगो एयरलाइंस के विमान से रांची लौटेंगे. मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर जैप आईटी सीईओ भुवनेश्वर प्रताप सिंह के नेतृत्व में श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के दो पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये लोग गुरुवार को ही उत्तराखंड से दिल्ली पहुंच जाएंगे. वहां से रांची के लिए रवाना होंगे. इंडिगो की फ्लाइट से ये सभी लोग शाम 8 बजे रांची पहुंचेंगे. बता दें कि टनल हादसे के तुरंत बाद राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए एक टीम को अपने लोगों की सलामती का पता लगाने के लिए घटनास्थल पर भेजा था.

सिल्कियारा टनल में 17 दिन तक फंसे थे 41 श्रमिक

ये मजदूर दीपावली के दिन से उत्तराखंड के निर्माणाधीन सिल्कियारा टनल में फंसे थे. काम के दौरान टनल धंस गया और उसमें काम कर रहे 41 कामगार दूसरी ओर फंस गए. इन्हें निकालने के लिए 17 दिन तक मशक्कत करनी पड़ी. अमेरिका से एक्सपर्ट बुलाए गए. अमेरिकी ऑगर मशीन वायुसेना के विमान से उत्तराखंड लाया गया. हालांकि, अमेरिकी मशीन के ब्लेड टूट गए. इसके बाद टनल के ऊपर से वर्टिकल होल करके मजदूरों को निकालने के बारे में विचार किया गया. होल करना शुरू भी कर दिया गया था, लेकिन इसी बीच किसी ने रैट माइनिंग तकनीक अपनाने की सलाह दी. इसके बाद कामगारों ने काम करना शुरू किया और बहुत जल्दी ही टनल में मलबे के उस पार फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया.

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श्रमिकों के लौटने का परिजनों को बेसब्री से है इंतजार

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि जैसे ही श्रमिकों को टनल से बाहर निकाला जाएगा, हम अपने राज्य के सभी 15 श्रमिकों को एयरलिफ्ट कर जल्द से जल्द रांची लाएंगे. टनल से श्रमिकों को निकालने जाने के बाद उनकी मेडिकल जांच की गई. फिर उन्हें ऋषिकेश के एम्स में भर्ती कराया गया. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने जब श्रमिकों को पूरी तरह फिट घोषित कर दिया गया, तो झारखंड सरकार के सीनियर अधिकारी उन्हें लेकर दिल्ली रवाना हो गए. अब कल ये सभी श्रमिक अपने गृह राज्य झारखंड लौट आएंगे. शाम को रांची पहुंचेंगे और उसके बाद सभी को उनके घर भेज दिया जाएगा. इन श्रमिकों के परिजन बेसब्री से उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं.

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