रांची (मुख्य संवाददाता). रिम्स के क्रिटिकल केयर और महत्वपूर्ण विभागों में मैनपावर की काफी कमी है. क्रिटिकल केयर विभाग में तीन शिफ्ट के लिए 126 नर्स की आवश्यकता है, लेकिन सिर्फ 32 ही कार्यरत हैं. वहीं, 12 लैब टेक्नीशियन की जगह आठ ही काम कर रहे हैं. इसके अलावा आठ वेंटिलेटर टेक्नीशियन की जरूरत है, लेकिन विभाग में एक भी कर्मी नियुक्त नहीं है. इसके अलावा 24 एनेस्थेटिक की जगह सिर्फ छह से काम लिया जा रहा है. वहीं, मेडिसिन और सर्जरी आइसीयू में भी नर्स की कमी है. प्रत्येक शिफ्ट में एक या दो नर्स ही 30 से 32 गंभीर मरीजों की देखभाल करती हैं. इधर, मैनपावर की कमी के कारण क्रिटिकल केयर और आइसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों की देखभाल में परेशानी हो रही है. हालांकि, प्रबंधन का कहना है कि 1250 से ज्यादा मैनपावर की मांग स्वास्थ्य विभाग से की गयी है. इसमें नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ और वार्ड ब्वाॅय शामिल हैं. आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी मैनपावर की मांग की गयी है. देखभाल के अभाव में महिला की हो गयी मौत : रिम्स के मेडिसिन आइसीयू में भर्ती अंजलि मुंडा की बुधवार को मौत हो गयी. पति ने आरोप लगाया कि दो दिन से उसकी पत्नी को देखने के लिए सीनियर डॉक्टर नहीं आये. स्थिति गंभीर होने पर जब नर्स से आग्रह किया गया, तो वह भी सिर्फ खानापूर्ति करके चली गयी. अगर सही से पत्नी का इलाज किया जाता, तो उसकी जान बच जाती.
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