Loading election data...

Lalu yadav को नहीं मिली जमानत, झारखंड हाईकोर्ट में 6 हफ्ते बाद होगी सुनवाई

Jharkhand news, Ranchi news : झारखंड के बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर अब झारखंड हाईकोर्ट में 6 सप्ताह बाद सुनवाई होगी. दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. शुक्रवार को लालू प्रसाद की ओर से उनके वकील ने बताया कि लालू की सजा की अवधि अभी आधी हुई या नहीं इसका रिकॉर्ड अभी पूरी तरह सत्यापित नहीं हो पाया है. वहीं, CBI ने जमानत का विरोध करते हुए जिन बिंदुओं को उठाया है, उसका जवाब भी दाखिल किया जायेगा. इस संबंध में पूरक शपथपत्र दाखिल किया जायेगा. इसके लिए समय की जरूरत है. CBI की ओर से दूसरे दिन सुनवाई करने का आग्रह किया गया. जस्टिस अपरेश सिंह की कोर्ट ने इनके आग्रह को स्वीकार करते हुए सुनवाई 6 सप्ताह बाद करने का निर्देश दिया है.

By Pawan Kumar | December 11, 2020 7:06 PM
an image

Jharkhand news, Ranchi news : रांची : झारखंड के बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर अब झारखंड हाईकोर्ट में 6 सप्ताह बाद सुनवाई होगी. दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. शुक्रवार को लालू प्रसाद की ओर से उनके वकील ने बताया कि लालू की सजा की अवधि अभी आधी हुई या नहीं इसका रिकॉर्ड अभी पूरी तरह सत्यापित नहीं हो पाया है. वहीं, CBI ने जमानत का विरोध करते हुए जिन बिंदुओं को उठाया है, उसका जवाब भी दाखिल किया जायेगा. इस संबंध में पूरक शपथपत्र दाखिल किया जायेगा. इसके लिए समय की जरूरत है. CBI की ओर से दूसरे दिन सुनवाई करने का आग्रह किया गया. जस्टिस अपरेश सिंह की कोर्ट ने इनके आग्रह को स्वीकार करते हुए सुनवाई 6 सप्ताह बाद करने का निर्देश दिया है.

गौरतलब है कि CBI कोर्ट ने लालू प्रसाद को दुमका कोषागार मामले में 7 साल की सजा सुनायी है. लालू का दावा है कि इस मामले में उन्होंने 42 माह से ज्यादा दिन जेल में बिताये हैं. वहीं, CBI का कहना है कि लालू यादव इस मामले में अभी सिर्फ 34 माह ही जेल में रहे हैं.

बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने लालू प्रसाद को जेल में बितायी गयी सजा की अवधि को सत्यापित कर कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक यह सत्यापित नहीं हो सका है. इस मामले में CBI की ओर से अदालत में एक शपथ पत्र भी दाखिल किया गया है. इसमें कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव की तबीयत ठीक है. इसलिए उन्हें जेल भेजा जाये. शपथ पत्र में फोन प्रकरण में बिहार में दर्ज प्राथमिकी और जेल मैनुअल के उल्लंघन की बात भी कही गयी है.

Also Read: बोकारो में IT और टेलीकॉम आधारित स्टार्ट अप को मिल सकता बढ़ावा, BSL व BSNL अधिकारियों के बीच हुई चर्चा

इससे पहले भी दुमका कोषागार मामले में लालू की जमानत पर सुनवाई दो बार टाली जा चुकी है. पहले इसे 6 नवंबर 2020 से 27 नवंबर 2020 के लिए इसे बढ़ा दिया था. क्योंकि सीबीआई ने कुछ समय की मांग की थी. दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को 7 साल की सजा हुई थी. लालू प्रसाद यादव के वकील ने सजा की आधी अवधि पूरी हो जाने को आधार बनाते हुए जमानत अर्जी दाखिल की थी.

गौरतलब है कि चारा घोटाले के 3 मामलों में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की चौथे मामले की जमानत याचिका पर शुक्रवार (11 दिसंबर, 2020) को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होनी तय की गयी थी. इस सुनवाई पर सबकी नजर टिकी हुई थी.

Also Read: लालू प्रसाद यादव का इंतजार खत्म, झारखंड हाईकोर्ट से बेल या अभी भी जेल, फैसला कुछ घंटों बाद

बता दें कि चारा घोटाले के 5 मामलों में से 4 मामलों में CBI की विशेष अदालत ने सजा सुनायी थी. इसमें से 3 मामलों में लालू यादव को पहले की जमानत मिल चुकी है. वहीं, चौथा मामला दुमका कोषागार का है, जिसकी सुनवाई 11 दिसंबर को होनी थी और पांचवां मामला रांची के डोरंडा कोषागार का है. पांचवें मामले की सुनवाई अभी CBI कोर्ट में चल रही है.

बता दें कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव की ओर से दायर जमानता याचिका पर पिछले 2 तारीखों में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी. पहले तारीख में CBI के वकील की तरफ से समय की मांग की थी, वहीं दूसरी तिथि में लालू यादव की सजा की अवधि को लेकर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था. लालू यादव अब तक 1400 दिन यानी 3 साल 9 महीने से अधिक की सजा काट चुके हैं.

चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से रांची के रिम्स में इलाजरत हैं. पिछले दिनों रिम्स के पेइंग वार्ड से निदेशक बंगला और फिर वहां से पेइंग वार्ड में शिफ्ट करने के मामले को झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया था. इस संदर्भ में राज्य सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था.

Posted By: Pawan Singh

Exit mobile version