रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव अब राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के निदेशक के बंगले में रहेंगे. कई सेवादारों के कोरोना से संक्रमित पाये जाने के बाद लालू प्रसाद में कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ गया था. इसे देखते हुए बुधवार (5 अगस्त, 2020) को उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड से रिम्स डायरेक्टर के बंगलो ‘केली बंगला’ में शिफ्ट कर दिया गया.
पिछले सप्ताह से ही चर्चा थी कि लालू प्रसाद को ‘केली बंगला’ में शिफ्ट किया जा सकता है. शुक्रवार को रांची के सिटी एसपी सौरभ कुमार ने ‘केली बंगला’ का निरीक्षण किया और सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया था. उन्होंने बताया था कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का इलाज कर रहे डॉ उमेश कुमार ने उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड से शिफ्ट करने की सलाह दी थी.
डॉ उमेश कुमार के कहने पर रिम्स प्रबंधन ने लालू प्रसाद को शिफ्ट करने का एक प्रस्ताव प्रशासन को दिया था. इसके बाद केली बंगला की साफ-सफाई करायी गयी. जेल प्रशासन से लालू प्रसाद को अन्यत्र शिफ्ट करने की अनुमति मांगी गयी. जेल प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद लालू प्रसाद को शिफ्ट कर दिया गया.
रिम्स के पूर्व निदेशक डॉ डीके सिंह के जाने के बाद से केली बंगला खाली पड़ा था. इसलिए लालू को वहां शिफ्ट करने का फैसला लिया गया. दरअसल, लालू यादव जिस पेइंग वार्ड में भर्ती थे, उसके पहले तल्ले को छोड़कर सभी तल्ले को कोविड वार्ड बना दिया गया है. जहां लालू टहलते हैं, उधर भी कोविड मरीज हैं.
इसलिए लालू प्रसाद यादव के कोरोना से संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया था. लालू प्रसाद के तीन सेवादार पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित पाये गये थे. इसके बाद रिम्स में हड़कंप मच गया था. लालू प्रसाद की दो-दो बार कोरोना जांच करायी गयी. दोनों बार राजद सुप्रीमो की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी. तब जाकर रिम्स और जिला प्रशासन ने चैन की सांस ली.
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Posted By : Mithilesh Jha