Lalu Yadav Health Updates: लालू यादव 18 बीमारियों से पीड़ित, भेजे गये एम्स, रेजीडेंट डाॅक्टर भी गये दिल्ली
चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू प्रसाद का इलाज एम्स के डॉक्टरों की टीम करेगी. रिम्स में इलाज कर रहे डॉक्टरों के आग्रह पर शनिवार को राज्यस्तरीय मेडिकल बोर्ड की बैठक में उनको देश के सर्वोच्च अस्पताल एम्स में भेजने का निर्णय लिया गया.
Lalu Yadav Health Updates: चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू प्रसाद का इलाज एम्स के डॉक्टरों की टीम करेगी. रिम्स में इलाज कर रहे डॉक्टरों के आग्रह पर शनिवार को राज्यस्तरीय मेडिकल बोर्ड की बैठक में उनको देश के सर्वोच्च अस्पताल एम्स में भेजने का निर्णय लिया गया. बोर्ड के सदस्यों को इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद ने कहा कि लालू प्रसाद निमोनिया से पीड़ित हाे गये हैं. उनको पहले से ही 18 प्रकार की बीमारी का इलाज चल रहा है. ऐसे में एम्स के डॉक्टरों की सलाह लेना जरूरी हो गया है. सदस्यों ने आपसी विचार-विमर्श के बाद एम्स रेफर करने का निर्णय लिया.
शाम 5:10 मिनट पर पेइंग वार्ड से उनको एयरपोर्ट ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी. लालू प्रसाद को लेकर कार्डियेक एंबुलेंस शाम छह बजे एयरपोर्ट पहुंच गयी. इससे पूर्व शाम 5:25 बजे तेजस्वी अपनी मां के साथ बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंच गये थे. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पिता की तबीयत ठीक है.
वह लोग बेहतर इलाज के लिए उनको दिल्ली ले जा रहे हैं. लालू प्रसाद के साथ तेजस्वी यादव,पत्नी राबड़ी देवी, बेटी डॉ मीसा भारती, डॉ भोला प्रसाद व रिम्स के एक डॉक्टर व दो गार्ड गये हैं. वहीं बड़े पुत्र तेज प्रताप पटना से दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
लालू प्रसाद के साथ रेजीडेंट डाॅक्टर भी गये दिल्ली : बोर्ड की बैठक में एम्स भेजने का फैसला होने के बाद जेल प्रशासन द्वारा एक डॉक्टर दिल्ली तक भेजने का आग्रह किया गया, जिस पर सीनियर रेजीडेंट डॉ शफीक को दिल्ली भेजा गया. वह दिल्ली एम्स में लालू प्रसाद को शिफ्ट कराने के बाद रांची लौटेंगे. डॉक्टरों ने बताया कि लालू प्रसाद को निमोनिया की शिकायत है. वहीं सांस की समस्या भी हुई है, इसलिए आपातकाल में ऑक्सीजन का भरा हुआ सिलिंडर भी भेजा गया है.
रिम्स मेडिकल बोर्ड का बाहर भेजने का फैसला: एयर एंबुलेंस से भेजे गये दिल्ली, पत्नी राबड़ी देवी, बेटी डॉ मीसा भारती व पुत्र तेजस्वी भी साथ गये . राज्यस्तरीय बोर्ड की बैठक में एम्स भेजने पर फैसला लिया गया. अधिक उम्र, विभिन्न प्रकार की बीमारी व निमोनिया होने के कारण हम किसी प्रकार का कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे. देश के सर्वोच्च संस्थान की राय भी जरूरी लग रही थी, इसलिए सर्वसम्मति से निर्णय हुआ.
डाॅ उमेश प्रसाद, प्रोफेसर रिम्स
Posted by: Pritish Sahay