राजधानी में आये दिन जमीन विवाद के कारण मारपीट और खून-खराबा हो रहा है. इसे देखते हुए पुलिस ने रांची में जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों की कुंडली बनाना शुरू कर दिया है. इसके तहत जमीन कारोबार से जुड़े लोगों को अपना बैंक खाता का विवरण, अपना और अपने परिवार के लोगों की संपत्ति का ब्योरा, तीन साल का इनकम टैक्स रिटर्न, मोबाइल नंबर, पैन कार्ड व आधार कार्ड की प्रति संबंध क्षेत्र के थाने में जमा करना होगा. इसके अलावा जमीन कारोबारियों को कार, ट्रक, बाइक आदि का रजिस्ट्रेशन नंबर, मालिक का नाम व उसका मूल्य भी बताना होगा.
जमीन कारोबारियों के संबंध में जुटायी गयी जानकारियां रिपोर्ट के रूप में एसपी को भेजी जायेंगी. तमाम रिपोर्ट की समीक्षा के बाद उन कारोबारियों पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने जमीन कारोबार से अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की है. वहीं, जमीन कारोबारियों पर थाना स्तर से धारा-107 के तहत भी कार्रवाई की जायेगी, ताकि वे जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान किसी तरह से विधि-व्यवस्था की समस्या न खड़ी कर सकें. जिन जमीन कारोबारियों के खिलाफ संबंधित थानों में मामले दर्ज हैं, उनके खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई करेगी, ताकि वे किसी भी हिंसक वारदात को अंजाम न दे पायें.
1. जमीन कारोबारियों को अपने बैंक खाते का विवरण, अपना व अपने परिवार के सदस्यों की संपत्ति का ब्योरा और तीन साल का आइटीआर संबंधित थाने में जमा करना होगा
2. अपना व अपने परिवार का मोबाइल नंबर, पैन कार्ड व आधार कार्ड की प्रति भी जमा करनी होगी
एसपी के स्तर पर सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे जमीन कारोबारियों व उनके परिजनों के नंबरों से किस-किस से बात की गयी है, इसकी भी पड़ताल करें.
रांची के थानाें की पुलिस अपने-अपने क्षेत्र के जमीन कारोबारियों से उनकी चल-अचल संपत्ति के संबंध में पूछताछ करेगी. इस दौरान जमीन कारोबारियों को अपना घर या फ्लैट, गोदाम, जमीन और दुकान आदि का ब्योरा पुलिस को देना होगा. पुलिस कारोबारी से उक्त संपत्ति का बाजार मूल्य की भी जानकारी लेगी. फिर अपने स्तर से जमीन कारोबारियों की संपत्ति का बाजार मूल्य पता करेगी.
पुलिस को जानकारी मिली है कि कई जमीन कारोबारी अपने या परिवार के लोगों के नाम से छद्मनामी कंपनी (शेल कंपनी) बना कर अपनी काली कमाई को सफेद करने का काम करते हैं. ऐसे जमीन कारोबारियों को अपनी कंपनी, कंपनी के मेंबर्स, डायरेक्टर और पार्टनर का भी पुलिस को ब्योरा देना होगा. उस कंपनी का तीन साल का बैलेंस सीट व तीन साल का आइटीआर थाने में जमा करना होगा.