विवि की जमीन बेच रहे हैं भू माफिया, कब्जा दिलायें
मुख्यमंत्री से मिल कर सीयूजे के वीसी ने विवि से जुड़ी समस्याओं से कराया अवगत
रांची (विशेष संवाददाता). मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में केंद्रीय विवि, झारखंड (सीयूजे) के कुलपति डॉ क्षिति भूषण दास ने भेंट की और उन्हें विवि से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया. कुलपति ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य सरकार को चेड़ी, मनातू एवं सुकुरहुट्टू में कुल 139.17 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण कर विवि को हस्तांतरित करना है. प्रथम चरण में 15.82 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण कर विवि को हस्तांतरित किया जाना है. जबकि उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा 15.82 एकड़ रैयती भूमि के अधिग्रहण के लिए जिला भू अर्जन पदाधिकारी को 99,33,81,860 रुपये दिये जा चुके हैं, लेकिन अब तक रैयतों को राशि का वितरण ही नहीं किया गया है, जिससे भूमि अधिग्रहण नहीं हो सका है. कुलपति ने मुख्यमंत्री से शेष 123.35 एकड़ रैयती भूमि के अधिग्रहण के लिए पहल करने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि विवि की 70.71 एकड़ गैरमजरूआ भूमि में से 59.97 एकड़ हस्तांतरित भूमि का सशस्त्र पुलिस बल द्वारा मापी कराकर कब्जा दिलाना है. 70.71 एकड़ गैरमजरूआ भूमि में से 59.97 एकड़ गैरमजरूआ भूमि के दाखिल-खारिज की प्रक्रिया लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व ही पूरी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि विवि को हस्तांतरित 319.28 एकड़ एवं 59.97 एकड़ गैरमजरूआ भूमि में अवैध निर्माण हो रहे हैं, जिसे रोकने की आवश्यकता है. इतना ही नहीं गैरमजरूआ भूमि को कुछ भू माफियाओं द्वारा प्लाटिंग कर बिक्री भी की जा रही है. कुलपति ने मुख्यमंत्री को रिंग रोड से विवि परिसर तक पहुंच पथ अब तक नहीं बनने की भी बात कही. विवि परिसर में टीओपी स्थापित करने की भी मांग की. उन्होंने बताया कि परिसर में लगभग 250 लड़के और 250 लड़कियां रह रहे हैं. लेकिन परिसर में बाउंड्री नहीं है. मुख्यमंत्री ने कुलपति को आश्वासन दिया कि वे पूरे मामले पर गंभीरता से विचार कर कार्रवाई करेंगे. कुलपति के साथ जनसंपर्क अधिकारी नरेंद्र कुमार भी थे.
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