वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने मोरहाबादी स्थित 12 मंजिला रतन हाइट्स बिल्डिंग के मामले में एकल पीठ के आदेश के अनुपालन को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत में प्रतिवादी जमीन मालिक अशोक कुमार वालमजी परमार, बिल्डर वीकेएस रियलिटी के संचालक विजय कुमार साहू सहित अन्य सशरीर उपस्थित हुए. उनकी ओर से एकल पीठ के आदेश का पालन करने के लिए दो माह का समय देने का आग्रह किया गया, जिस पर अदालत ने 45 दिनों का समय देते हुए आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि इस दाैरान अदालत के आदेश के अनुरूप सभी कार्य पूरे किये जायें, अन्यथा अदालत सख्त आदेश पारित करेगी. मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने पैरवी की. पिछली सुनवाई के दाैरान अदालत ने नाराजगी जताते हुए प्रतिवादी जमीन मालिक अशोक कुमार वालमजी परमार, बिल्डर वीकेएस रियलिटी के संचालक विजय कुमार साहू, जय परमार, जीत परमार, प्रतिमा दयाराम परमार व श्वेता परमार को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रिंकी यादव व अन्य की ओर से अवमानना याचिका दायर की गयी है. उन्होंने एकल पीठ के 13 जुलाई 2023 के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है. हाइकोर्ट की खंडपीठ ने 17 मई 2024 को एकल पीठ के 13 जुलाई 2023 के आदेश को सही ठहराया था तथा अपील खारिज कर दी थी. एकल पीठ ने नगर आयुक्त द्वारा संशोधित नक्शा पास किये जाने के आदेश तथा संशोधित नक्शा को रद्द कर दिया था. कहा था कि स्वीकृत नक्शा में कॉमन यूटिलिटी व फैसिलिटी के लिए जो एरिया निर्धारित था, वह कॉमन ही रहेगा. साथ ही पीठ ने जमीन मालिक व बिल्डर वीकेएस रियलिटी को एक माह में गड्ढा भर कर जमीन सोसाइटी को हैंड ओवर करने का निर्देश भी दिया था, लेकिन जकीन हैंड ओवर नहीं किया गया. इस मामले में प्रतिवादियों की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है