रांची: व्यापारी विष्णु अग्रवाल ने छवि रंजन की गोवा यात्रा का खर्च उठाया था. जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री में राजस्व अधिकारी, नौकरशाह और राजनेता शामिल हैं. ईडी की विशेष अदालत को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने ये जानकारी दी. डीसी रहते दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री करने के मामले में 2011 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी छवि रंजन को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
आज शनिवार को छवि रंजन को होटवार जेल से ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. ईडी ने शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट से आग्रह किया था कि छवि रंजन से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत पूछताछ जरूरी है. प्रारंभिक पूछताछ में छवि रंजन ने जांच में पूरी तरह सहयोग नहीं किया है. इसलिए 10 दिनों की रिमांड दी जाये. इस मामले में स्पेशल कोर्ट आदेश देगी.
छवि रंजन को पीएमएलए कोर्ट में पेश करते हुए ईडी ने दस्तावेज में जालसाजी कर सेना के कब्जेवाली, चेशायर होम रोड और बजरा मौजा की जमीन की खरीद-बिक्री की जानकारी दी. इसमें यह बताया गया कि सेना के कब्जेवाली जमीन का म्यूटेशन करने के लिए प्रेम प्रकाश के माध्यम से छवि रंजन को एक करोड़ रुपये दिये गये. इसके अलावा अंचल कार्यालय के लोगों को दो से ढाई लाख रुपये दिये गये. दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रची गयी साजिश में प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल शामिल हैं. अफसर और सद्दाम सहित पहले गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों ने इसी साजिश के तहत खरीद-बिक्री की घटना को अंजाम दिया था. तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन अपने पद का दुरुपयोग करते हुए साजिश का हिस्सा बने और इन्हें मदद पहुंचायी.