जमीन घोटाला: ईडी को रजिस्ट्री ऑफिस में मिले मंत्रियों और नेताओं की संपत्ति के दस्तावेज, होगी पूछताछ

ईडी ने पीएमएलए की धारा-16 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 21 अप्रैल को रजिस्ट्री कार्यालय में सर्वे किया था. सर्वे का उद्देश्य सेना की जमीन की खरीद-बिक्री और चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेज जब्त करना था.

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2023 8:46 AM

रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा रजिस्ट्री ऑफिस में किये गये सर्वे के दौरान राज्य के मंत्रियों और राजनीतिज्ञों की संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं. ईडी ने इन दस्तावेजों को भी जब्त कर लिया है. सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों व नेताओं ने भी जमीन खरीदने के दौरान अपने कुछ ब्योरे छिपाये हैं, ताकि उन्हें आसानी से नहीं पकड़ा जा सके. सर्वे मिले दस्तावेज की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच कराये जाने के बाद संबंधित मंत्रियों व राजनीतिज्ञों से भी पूछताछ की जायेगी.

21 अप्रैल को रजिस्ट्री कार्यालय में हुआ था सर्वे

उल्लेखनीय है कि ईडी ने पीएमएलए की धारा-16 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 21 अप्रैल को रजिस्ट्री कार्यालय में सर्वे किया था. सर्वे का उद्देश्य सेना की जमीन की खरीद-बिक्री और चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेज जब्त करना था. दस्तावेज में जालसाजी कर सेना के कब्जेवाली जमीन जगत बंधु टी स्टेट को बेच दी गयी थी. जगत बंधु टी स्टेट का संबंध मनी लाउंड्रिंग के आरोपी कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल से है. चेशायर होम रोड की जमीन भी दस्तावेज में जालसाजी कर व्यापारी विष्णु अग्रवाल ने खरीदी है. फॉरेंसिंक जांच में दस्तावेज में जालसाजी करने की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट में कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय में रखे गये दस्तावेज को दीमकों द्वारा अजीब तरीके से चाटने का भी उल्लेख किया गया है. जांच में पाया गया है कि दीमकों ने सिर्फ उन पन्नों को नहीं चाटा, जिन्हें जालसाजी कर बाद में जोड़ा गया. इन पन्नों के ऊपर और नीचे के हिस्से को दीमकों ने चाट लिया है.

मंत्रियों-नेताओं ने संपत्ति खरीदने और अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की

21 अप्रैल को रांची स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में सर्वे के दौरान ईडी के अधिकारियों की नजर राज्य के मंत्रियों और राजनीतिज्ञों द्वारा खरीदी गयी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज पर पड़ी. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मंत्रियों व नेताओं ने संपत्ति खरीदने के दौरान अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की है. इस बात के मद्देनजर ईडी ने जांच के उद्देश से इसे भी जब्त कर लिया है.

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