रांची: प्रवर्तन निदेशालय ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री करने के मामले में अफसर अली उर्फ अफसू खान और फैयाज खान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है. ईडी ने जांच में मिले तथ्यों को पीएमएलए की धारा-66(2) के तहत राज्य सरकार के साथ साझा किया है. इसी मामले में ईडी द्वारा साझा की गयी सूचना के आलोक में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है.
13 अप्रैल को ईडी ने की थी छापामारी
ईडी की ओर से राज्य सरकार को भेजे गये पत्र में कहा गया कि दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में 13 अप्रैल 2023 को सरकारी अधिकारियों और जमीन कारोबारियों के ठिकानों पर छापामारी की गयी थी. छापामारी के दौरान दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में सरगना के रूप चिह्नित किये गये अफसर अली उर्फ अफसू खान के घर से 35 सेल डीड मिले थे. इसके अलावा दो दर्जन से अधिक लोगों के आधार कार्ड और पैन कार्ड जब्त किये गये थे. पूछताछ के दौरान अफसर अली ने यह स्वीकार किया है कि उसके घर से मिले सभी दस्तावेज जालसाजी कर तैयार किये गये हैं. इसके घर से जिन लोगों के वोटर आइडी, आधार और पैन मिले हैं उसमें विभिन्न समुदाय के लोगों के नाम शामिल हैं. ऐसे लोगों में अमीरुद्दीन अंसारी, जमील अंसारी, खुर्शीद आलम, सुबोध कुमार सोरेंग, शैलेष टोप्पो, मनीष टोप्पो, रिजवान अंसारी, परवेज अली, समीरा परवीन, विद्या डुंगडुंग, निशा रानी, पवित्र मोहन, राजीव राय, सुनीता कुमारी, नूर सबा, राहेला रूही, सालेहा परवीन, रूमी तबस्सुम, रईस खान, सबीहा परवीन सहित अन्य लोगों के नाम शामिल है.
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फैयाज के घर से जब्त की गयी थीं सरकारी अधिकारियों की 10 मुहरें
गिरोह के सदस्य फैयाज खान के घर से भी जालसाजी कर तैयार किये गये सेल डीड, जमीन के नक्शे आदि जब्त किये गये थे. इसके अलावा राज्य सरकार के अधिकारियों यथा अंचल अधिकारी, अपर समाहर्ता सहित जमीन के कामकाज से जुड़े अन्य अधिकारियों के पदनाम से बनी 10 मुहर जब्त की गयी थी. इनका इस्तेमाल फर्जी तरीके से तैयार किये गये जमीन के दस्तावेज के सिलसिले में अंचल अधिकारी, सब रजिस्ट्रा, अपर समाहर्ता, वकील सहित अन्य अधिकारियों की ओर से अपने पक्ष में रिपोर्ट भेजने के लिए किया जाता है. फैयाज खान ने पीएमएलए की धारा-50 के तहत दिये गये बयान में यह स्वीकार किया है कि सभी फर्जी मुहरें अफसर अली की हैं. उसी के निर्देश पर इसे उसने अपने पास रखा था. इडी की ओर से इस सूचनाओं को साझा करते हुए यह लिखा गया है कि ‘ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार’ के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के आलोक में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की बाध्यता है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में राज्य सरकार सरकारी दस्तावेज जालसाजी करने के आरोप में इन व्यक्तियों के खिलाफ 420,120बी, सहित अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करे.
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एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी के आदेश की प्रति सरकार को भेजी गयी
ईडी ने पल्स अस्पताल सहित पूजा सिंघल व पारिवारिक सदस्यों की संपत्ति जब्त करने के सिलसिले में एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी द्वारा दिये गये आदेश की प्रति भी राज्य सरकार को भेजी है. ईडी ने जांच के बाद पूजा सिंघल के पारिवारिक सदस्यों की संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त किया था. इसके बाद इन संपत्तियों को स्थायी रूप से जब्त करने के लिए एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी में आवेदन दिया था. अथॉरिटी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद ईडी द्वारा की गयी कार्रवाई को सही करार दिया था.