रांची: दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री करने के मामले में गिरफ्तारी के बाद रिमांड पर लिये गये रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन ने ईडी की पूछताछ में व्यवसायी विष्णु अग्रवाल के खर्च पर गोवा घूमने की बात मानी. हालांकि, वह इसकी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं कि व्यवसायी ने उन पर इतनी मेहरबानी क्यों दिखायी?
ईडी को जांच के दौरान विष्णु अग्रवाल के मोबाइल फोन से मिले आंकड़ों के विश्लेषण से जानकारी मिली थी कि उन्होंने तत्कालीन उपायुक्त के गोवा घूमने का खर्च उठाया था. इस मद में हुए खर्च का भुगतान उसने दिल्ली के ट्रेवल एजेंट को नकद के रूप में किया था. पूछताछ के दौरान छवि रंजन ने सेना के कब्जेवाली जमीन और हेहल अंचल के बजरा मौजा की जमीन के सिलसिले में फर्जी मालिकों के पक्ष में फैसला देने की बात भी मान ली. हालांकि, इसके लिए जमीन के असली मालिकों को ही दोषी बता रहे हैं. उनका कहना है कि मामले की सुनवाई के दौरान सेना की ओर से और बजरा में जमीन के असली मालिकों की ओर से जमीन के दस्तावेज ही नहीं पेश किये गये. इसलिए उन्हें दूसरे पक्ष के हक में फैसला देना पड़ा.
इधर, फर्जी दस्तावेज के आधार पर सेना के कब्जेवाली जमीन खरीदने के मामले में ईडी ने जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप घोष को समन कर पूछताछ के लिए हाजिर होने का समय दिया था, लेकिन वह निर्धारित समय पर ईडी के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय नहीं पहुंचे. घोष ने ईडी को एक पत्र लिख कर यह सूचित किया है कि उनकी तबीयत खराब है. दस्त हो रहा है. इसलिए वह फिलहाल पूछताछ के लिए हाजिर होने में असमर्थ हैं.