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कोरोना संकट के बीच झारखंड में भू-धंसान से कई घर क्षतिग्रस्त, जमीन में पड़ी दरार

खलारी : कोरोना संकट के बीच झारखंड में धरती फटने और धंसने की खबर सामने आयी है. राजधानी रांची के खलाड़ी प्रखंड में धरती फटने से दो लोगों के घर 5 फुट तक धंस गये. घटना मंगलवार (14 अप्रैल, 2020) की देर रात की है. विश्रामपुर पंचायत के जामुन दोहर बस्ती में जिस जगह यह घटना हुई है, वहां घर में सो रहे लोगों को भूकंप का एहसास हुआ. इससे पहले कि कुछ समझ पाते, उन्हें अपना घर धंसता हुआ दिखा.

By Mithilesh Jha | April 15, 2020 8:44 AM
दिनेश पांडेय

खलारी : कोरोना संकट के बीच झारखंड में धरती फटने और धंसने की खबर सामने आयी है. राजधानी रांची के खलाड़ी प्रखंड में धरती फटने से दो लोगों के घर 5 फुट तक धंस गये. घटना मंगलवार (14 अप्रैल, 2020) की देर रात की है. विश्रामपुर पंचायत के जामुन दोहर बस्ती में जिस जगह यह घटना हुई है, वहां घर में सो रहे लोगों को भूकंप का एहसास हुआ. इससे पहले कि कुछ समझ पाते, उन्हें अपना घर धंसता हुआ दिखा.

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डर के मारे घर के सभी लोग बाहर निकल गये. बाहर आकर देखा, तो सड़क में दरार पड़ चुकी थी. उनका घर करीब 5 फुट तक धंस गया है. देर रात में जमीन में जो दरार पड़नी शुरू हुई थी, बुधवार (15 अप्रैल, 2020) की सुबह तक धीरे-धीरे बढ़ रही थी. इस घटना से क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है.

कोरोना संकट के बीच झारखंड में भू-धंसान से कई घर क्षतिग्रस्त, जमीन में पड़ी दरार 4

खलाड़ी प्रखंड के विश्रामपुर पंचायत के जामुन दोहर बस्ती में हुए इस भू-धसान की घटना से इलाके के लोगों के मन में डर बैठ गया है. बस्ती के प्रदीप तुरी और अरविंद तुरी ने बताया कि ये लोग अपने पूरे परिवार के साथ अपने घरों में सो रहे थे. मंगलवार की रात को 8 बजे इन लोगों को भूकंप जैसा अहसास हुआ.

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हालांकि, इन्हें कुछ समझ में नहीं आया. तब कोई नुकसान नहीं दिखा. लेकिन, उनके होश उस वक्त उड़ गये, जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि उनका घर जमीन में धंसता जा रहा है. तब रात के करीब 2:30 बज चुके थे. ये लोग अपने पूरे परिवार के साथ घर से निकलकर बाहर भागे. किसी तरह बाहर में ही रात बितायी. सुबह में देखा कि रात में जमीन में जो दरार पड़ी थी, वह धीरे-धीरे बढ़ रही है.

कोरोना संकट के बीच झारखंड में भू-धंसान से कई घर क्षतिग्रस्त, जमीन में पड़ी दरार 5

उल्लेखनीय है कि विश्रामपुर पंचायत की जामुन दोहर बस्ती एनके एरिया के केडीएच खुली खदान से 200 मीटर के दायरे में है. यह बस्ती वर्षों से बंद पड़े भूमिगत कोयला खदान के ऊपर बसी है. झारखंड के कोयला खनन वाले क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं आये दिन होती रहती हैं. धनबाद और बोकारो में जमीन से धुआं निकलने और गोफ बनने के समाचार बराबर आते रहते हैं.

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गर्मी और गर्मी के बाद बरसात के सीजन में गोफ बनने की घटनाएं ज्यादा सामने आती हैं. कोयला के लिए मशहूर धनबाद जिला के झरिया में कुछ वर्ष पहले अचानक धरती फट गयी थी और उसमें एक लड़का समा गया था. अंदर से आग की लपटें निकल रहीं थीं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) भी इसमें राहत कार्य चलाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था.

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