Jharkhand News: सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) के प्रमाण पत्र जमा करने की अंतिम तिथि सोमवार को समाप्त हो गयी. सत्यापन के लिए प्रमाण पत्र सोमवार तक जमा करने का निर्देश था. राज्य के लगभग 227 पारा शिक्षकों ने प्रमाण पत्र नहीं जमा किया. इनमें से 52 शिक्षकों ने सेवा छोड़ने से संबंधित पत्र जमा कर दिया, जबकि 175 ने सोमवार शाम तक कोई जानकारी नहीं दी थी. अब इन शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जायेगी. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इस वर्ष प्रारंभ में पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन की प्रक्रिया शुरू थी.
प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए पहले 15 नवंबर तक की तिथि निर्धारित थी. बाद में पांच दिसंबर तक प्रमाण पत्र जमा करने का समय दिया गया. झारखंड शिक्षा परियोजना ने निर्देश में कहा था कि पांच दिसंबर तक अगर कोई शिक्षक अपना प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए जमा नहीं करता है, तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी. उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया सभी जिलों को शुरू करने के लिए भी कहा गया है. दिसंबर से ऐसे पारा शिक्षकों के मानदेय का भुगतान नहीं होगा. सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया के तहत उन्हें प्रमाण पत्र जमा करने का एक और अवसर दिया जा सकता है. उसे अंतिम अवसर बताते हुए बाद में उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी.
पारा शिक्षकों का चयन ग्राम शिक्षा समिति के माध्यम से किया गया था. राज्य में पारा शिक्षकों की चयन प्रक्रिया वर्ष 2003- 04 में शुरू हुई थी. शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद इनकी नियुक्ति बंद हो गयी थी. अब इतने वर्षों के बाद इनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा रहा है. प्रारंभ में राज्य में लगभग 81000 पारा शिक्षक कार्यरत थे, वर्तमान में इनकी संख्या लगभग 61000 है.
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पारा शिक्षकों के मानदेय बढ़ोतरी के लिए राज्य सरकार द्वारा आकलन परीक्षा ली जा रही है. इसकी जिम्मेदारी झारखंड एकेडमिक काउंसिल को दी गई है. परीक्षा के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया जारी है. 31 दिसंबर तक आवेदन जमा लिया जायेगा. परीक्षा में सफल पारा शिक्षकों के मानदेय में 10 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी होगी. आकलन परीक्षा में शामिल होने के लिए शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन होना अनिवार्य है. इस कारण सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र के सत्यापन की प्रक्रिया 31 दिसंबर से पहले पूरी की जायेगी.
राज्य में पारा शिक्षकों के लिए पहली आकलन परीक्षा जनवरी में ली जा सकती है. एक शिक्षक को आकलन परीक्षा में शामिल होने के लिए चार मौके दिये जायेंगे. जो शिक्षक परीक्षा में शामिल नहीं होंगे, उनका एक अवसर समाप्त हो जायेगा. आकलन परीक्षा में सफल नहीं होनेवाले शिक्षकों के मानदेय में 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन वह सेवा में बने रहेंगे.