क्या भविष्य में झामुमो से गठबंधन करेगी भाजपा ? प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने दिया ये जवाब
झारखंड की राजनीति में झामुमो के साथ भविष्य में किसी तरह के गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह काल्पनिक प्रश्न है. जिसके विरोध में हम साक्ष्य दे रहे हैं कि ये भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं, उनके साथ हम कैसे बैठ सकते हैं.
रांची : भाजपा के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की ‘संकल्प यात्रा’ के समापन के मौके पर आयोजित रैली में शामिल होने राजधानी पहुंचे थे. श्री वाजपेयी का कहना है कि झारखंड की जनता प्रदेश भाजपा को विकल्प के रूप में देख रही है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि झारखंड में हम विधानसभा चुनाव कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में लड़ेंगे. आनेवाले समय में झामुमो के साथ रिश्ते को भी खारिज करते हुए कहा कि यह असंभव है.
झारखंड की राजनीति में झामुमो के साथ भविष्य में किसी तरह के गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह काल्पनिक प्रश्न है. जिसके विरोध में हम साक्ष्य दे रहे हैं कि ये भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं, उनके साथ हम कैसे बैठ सकते हैं. हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य की जनता के साथ छल किया है. कोई ऐसी जगह नहीं है, जिसको छोड़ा है. खनन में लूट मचाकर रख दी है. बेरोजगारों के साथ छल किया है. जनता रोटी अपने पुरुषार्थ का खाती है. उसे कानून व्यवस्था चाहिए, वह भी नहीं दे पा रहे हैं? उनके साथ हम बैठेंगे? हेमंत सोरेन को उनके साथी ही मुबारक.
Q. आनेवाले लोकसभा चुनाव में झारखंड में पार्टी क्या संभावना देखती है?
हम राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों को जीतने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं. पार्टी ने राज्य सरकार के खिलाफ सचिवालय घेराव का कार्यक्रम किया और हमारे कार्यकर्ता शक्ति बाण की तरह बाहर निकले. राज्य सरकार ने कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे किये और उसने हमारे लिए संजीवनी की तरह काम किया है. पूरे प्रदेश में इस सरकार के खिलाफ आक्रोश है. बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा अभूतपूर्व रही है.
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आतंकवाद का पोषण करनेवाली सरकार का भ्रष्टाचार उजागर कर भाजपा आम जनमानस तक पहुंची. झारखंड में पार्टी लोकसभा चुनाव में बहुत बेहतर प्रदर्शन करेगी. कश्मीर से कन्या कुमारी तक लोकसभा चुनाव में मोदी के अलावा किसी का नाम सुनने के लिए जनता तैयार नहीं है. राज्य में चुनाव अपने-अपने हिसाब से हाेते हैं, लेकिन लोकसभा में कोई संशय नहीं है.
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत माता सुरक्षित हैं, आमलोगों की यही धारणा है. पाकिस्तान की मांद में घुसकर हमारी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया. राज्य सरकार को विकास से कोई लेना-देना नहीं है. वह भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है. संकल्प रैली से इस सरकार के खिलाफ संदेश जन-जन तक गया है. जनता अब राज्य में विकल्प की तलाश कर रही है.
आपने कहा लोकसभा में कोई संशय नहीं है. उसके तुरंत बाद विधानसभा का चुनाव है, उसमें किसी तरह का कोई संशय है, क्या?
वाजपेयी : सूई की नोक के हजारों हिस्से भर भी संशय नहीं है. हमारे पास करिश्माई नेतृत्व है, जिसका प्रखर रूप नरेंद्र मोदी हैं. जाति, धर्म, पूजा पद्धति और पंथ से ऊपर उठ कर विकास के लिए नरेंद्र मोदी जुटे हुए हैं. पेनाल्टी कॉर्नर बनाकर मोदी जी देंगे और हमारे कार्यकर्ता गोल दागेंगे.
Q. किसके नेतृत्व में पार्टी विधानसभा का चुनाव लड़ेगी? प्रदेश में आपका चेहरा कौन होगा?
वाजपेयी : भाजपा के कार्यकर्ताओं और कमल फूल के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ेंगे.
झारखंड की राजनीति में रघुवर दास ओबीसी चेहरा थे. ऐसा क्या हुआ कि एक पूर्व मुख्यमंत्री को सक्रिय राजनीति से दूर कर गवर्नर बनाने का फैसला लिया गया?
वाजपेयी : वार्ड अध्यक्ष से प्रदेश अध्यक्ष तक. राज्य के मुख्यमंत्री से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक. रघुवर दास ने हर जिम्मेदारी सहर्ष स्वीकार की है. अब पार्टी ने राज्यपाल के रूप में काम करने अवसर दिया है. वह संवैधानिक मुखिया के रूप में काम करेंगे. उनके अनुभव का लाभ ओडिशा को मिलेगा. वह इस जिम्मेवारी को भी बखूबी निभायेंगे. पार्टी मां की तरह है.
किस बेटे से कब और क्या काम लेना है, पार्टी ही तय करेगी. मैं भी छह साल घर बैठा रहा. पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहा. पार्टी को जब महसूस हुआ कि मुझसे काम लेना है, फिर से जवाबदेही दी गयी. रघुवर दास को लेकर पार्टी ने सामूहिक निर्णय लिया है. रघुवर दास ने भी इसे बड़ी स्पष्टता से स्वीकार किया है.
बाबूलाल मरांडी के अध्यक्ष बने चार महीने गुजर गये, प्रदेश कमेटी का गठन नहीं हो पाया?
नयी कमेटी नहीं बन पायी, यह सही है. इसके लिए अगर एक व्यक्ति कोई दोषी है, तो लक्ष्मीकांत वाजपेयी है. मैं खुद को दोषी मानता हूं. संगठन महामंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और मुझे साथ बैठना था. मुझे मध्य प्रदेश चुनाव में रीवा संभाग की जिम्मेदारी मिल गयी. संगठन महामंत्री भी छत्तीसगढ़ में व्यस्त हैं. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल संकल्प यात्रा में जन साधारण के बीच थे. कमेटी को अंतिम रूप देना है. व्यस्तता के कारण दो घंटे नहीं बैठ पा रहे हैं. कहीं कोई भ्रम नहीं है, विवाद नहीं है. सिर्फ एकमात्र कारण है कि हम साथ बैठ नहीं पा रहे हैं.
राज्य सरकार का आरोप है कि इडी और सीबीआइ का केंद्र सरकार दुरुपयोग कर रही है?
इडी-सीबीआइ ने जितने लोगों को पकड़ा है, क्या वो भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं थे? जितने लोगों पर चार्जशीट किया गया है, क्या वह गलत है? चार्जशीट में जो तथ्य दिये हैं, वह क्या गलत हैं? हेमंत सोरेन इडी के सामने क्यों नहीं जाते हैं? अगर हेमंत सोरेन गलत नहीं हैं, तो इडी को बतायें. बचने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं. इनके मन में चाेर है. इनके साथ के लोग तो कई राज्यों में हैं. ये लोग जनता के पास क्यों नहीं जाते? सच तो यह है कि ये सभी भ्रष्टाचार में डूबे हैं. केंद्रीय एजेंसी अपना काम कर रही है.
कई विपक्षी दलों की मांग है कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराये.
वाजपेयी : जातीय जनगणना को भाजपा ने स्वीकार नहीं किया है. बिहार सरकार ने जो आंकड़े दिये हैं, वह अविश्वसनीय हैं. जातीय जनगणना जल्दबाजी में की गयी है. इसे समय लेकर कराना चाहिए था.