समीर रंजन
रांची : झारखंड की हेमंत सरकार ने लॉकडाउन की इस घड़ी में राज्यवासियों को तीन नयी योजनाओं की सौगात दी है. ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड की ओर से शुरू हुई तीन योजनाएं बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटा हो खेल विकास योजना और नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना झारखंड के विकास में निर्णायक भूमिका निभाने वाली योजनाएं हैं. इन तीनों योजनाओं की शुरुआत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की. इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर समेत कई अधिकारी भी उपस्थित थे. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की गयी तीन योजनाओं के माध्यम से 36 करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इससे करीब 20 हजार करोड़ रुपये लाखों श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त होगा, जो इस संकट के समय में काफी मायने रखता है. आखिर इन तीनों योजनाओं से झारखंड के लोगों को कैसे लाभ मिलेगा, आइये जानते हैं.
बिरसा हरित ग्राम योजना
इस योजना के तहत ग्रामीणों को फलदार वृक्ष लगाने व उसकी देखभाल करने संबंधी रोजगार मिलेगा. इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी, ताकि उनके लिए भी रोजगार उपलब्ध हो सके. इस योजना के जरिये सरकार सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करेगी. इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी. अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग मिलेगा. उन्हें पौधों का पट्टा भी दिया जायेगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें. पौधारोपण के करीब तीन साल बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होगी. साथ ही फलों की उत्पादकता बढ़ने की स्थिति में फलों को प्रसंस्करण व उसके बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी. इस योजना के तहत पूरे राज्य में पांच करोड़ पौधारोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इससे मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन होगा.
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इस योजना का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान का विकास करना है. इसके माध्यम से राज्य के सभी पंचायतों में पांच हजार खेल के मैदान का निर्माण होना है. साथ ही खिलाड़ियों के लिए खेल सामग्री की व्यवस्था हाेगी. प्रखंड एवं जिला स्तर पर सुसज्जित प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. एक ओर जहां सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने का कार्य करेगी, वहीं खेल के माध्यम से नौकरी में आरक्षण भी दिया जायेगा. इससे मनरेगा के तहत एक करोड़ मानव दिवस का सृजन होगा.
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झारखंड में जल संचय बहुत जरूरी है, ताकि बहुफसलीय खेती की जा सके. पौधारोपण पूर्व से ही होता रहा है लेकिन अब पौधरोपण कर आर्थिक लाभ लोगों को पहुंचाना है. इसी के तहत इस योजना से जल संरक्षण के विभिन्न संरचनाओं का निर्माण होगा. राज्य की वार्षिक जल संरक्षण क्षमता में पांच लाख करोड़ लीटर की वृद्धि इस योजना के माध्यम से होगी. बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने के लिए पांच लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्धन होगा. इससे मनरेगा के तहत 10 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया जायेगा.