रांची. नेशनल यूनिवर्सिटी फॉर रिसर्च एंड स्टडी इन लाॅ (एनयूएसआरएल) रांची में रविवार को राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का फाइनल राउंड हुआ. जिरह के पेशेवर तौर-तरीके पेश कर निरमा यूनिवर्सिटी अहमदाबाद की टीम विजेता चुनी गयी. वहीं, कम अंक के अंतर से दिल्ली यूनिवर्सिटी की टीम राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता की उपविजेता रही. प्रतियोगिता में निरमा यूनिवर्सिटी अहमदाबाद की टीम की भूमिका अग्रवाल को ””बेस्ट स्पीकर”” का पुरस्कार मिला. विजेता टीम में भूमिका के साथ आगम बाकलीवाल और सोम शर्मा भी शामिल थे. वहीं, दिल्ली यूनिवर्सिटी की टीम में पारू भारद्वाज, माधव शर्मा और नेहा शानबाग शामिल थे. विजेताओं को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने सम्मानित किया. प्रतियोगिता का आयोजन राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण कानून के अंतर्गत किया गया था.
यूनिवर्सिटी में उपभोक्ता कानून पर पीठ स्थापित की गयी
कार्यक्रम के शुरुआत में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की उपस्थिति में अनुपम मिश्रा (संयुक्त सचिव, विभाग उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय) और एनयूएसआरएल रांची के प्रतिनिधियों के बीच एमओयू हुआ. एमओयू के तहत यूनिवर्सिटी में उपभोक्ता कानून पर एक पीठ स्थापित की गयी, जो उपभोक्ता कानून एवं व्यवहार पर अनुसंधान और नीति संबंधी मुद्दों के लिए एक थिंक टैंक के रूप में काम करेगी. संस्थान के कुलपति डॉ प्रो अशोक आर पाटिल ने मूट कोर्ट प्रतियोगिता के महत्व पर प्रकाश डाला. साथ ही उपभोक्ता कानून और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया. प्रतियोगिता में देशभर के 20 प्रतिष्ठित विधि विद्यालयों के छात्रों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में शिक्षण सहायक अनुष्ठा सक्सेना ने प्रतियोगिता की जानकारी दी. सहायक प्रो सोनी भोला ने मंच संचालन और सहायक प्रो रविंद्र कुमार पाठक ने धन्यवाद ज्ञापन किया.उपभोक्ता संरक्षण कानून के प्रति जागरूकता जरूरी
आयोजन के मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अपने वकालत के दिनों को याद किया. कहा, मैं जब वकालत पढ़ रहा था, उसी दौरान स्टूडेंट यूनियन से जुड़ा. आपातकाल में जेल जाने के कारण वकालत नहीं कर सका. वहीं से मेरा मार्ग राजनीति की ओर मुड़ा. इसके बाद लगातार आठ बार लोकसभा चुनाव जीता और नौवीं बार अन्य जिम्मेदारी दी गयी. उन्होंने कहा कि आज के दौर में उपभोक्ता संरक्षण कानून के प्रति जागरूकता जरूरी है, ताकि लोगों को इसके लाभ मिल सके. राज्यपाल ने कहा कि युवा साथियों को देखकर यह महसूस होता है कि बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाये जा रहे हैं. यह उम्मीद जगाती है कि आम लोगों को भी न्याय मिलेगा और कानून के प्रति जागरूकता बढ़ेगी. राज्यपाल ने कहा कि अच्छा वकील मिलना आसान नहीं होता. उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए काम करें. आज भी ईमानदार वकील हैं, जो वकालत से समाज और देश की दिशा में सकारात्मक बदलाव कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है