हाइकोर्ट ने रेंजर की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश किया निरस्त

अदालत ने सात जुलाई 2021 के अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने संबंधी राज्य सरकार के आदेश को गलत बताते हुए उसे निरस्त कर दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 7, 2025 12:25 AM

वेतन के मामले में राज्य सरकार को विधिसम्मत निर्णय लेने का निर्देश वरीय संवाददाता, रांची झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने याचिका को स्वीकार कर लिया. अदालत ने सात जुलाई 2021 के अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने संबंधी राज्य सरकार के आदेश को गलत बताते हुए उसे निरस्त कर दिया. साथ ही प्रार्थी के वेतन भुगतान के मामले में राज्य सरकार को विधिसम्मत निर्णय लेने को कहा. इससे पूर्व प्रार्थी अनिल कुमार सिंह ने मामले में स्वयं पैरवी की. उन्होंने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने उन पर कई आरोप लगा कर सात जुलाई 2021 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी थी. आरोप लगाया गया कि नाैकरी में रहते हुए राज्य सरकार के खिलाफ केस किया, एनजीटी में केस किया. इनका जो व्यवहार है, वह सरकारी सेवा में रहने लायक नहीं है. राज्य सरकार ने जो आरोप लगाया है, वह सही नहीं है. जब से उन्हें सेवा से हटाया गया है, उस समय से वेतन भुगतान के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रेंजर अनिल कुमार सिंह ने रिट याचिका दायर कर राज्य सरकार के सात जुलाई 2021 के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को चुनाैती दी थी. उन्होंने राज्य सरकार के आरोपों को गलत बताया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version