झारखंड सरकार ने रूटीन इम्यूनाइजेशन से जुड़ी वैक्सीन की कमी का दावा किया है. सरकार का कहना है कि कुछ बीमारियों से जुड़े वैक्सीन नहीं होने से परेशानी हो रही है. केंद्र सरकार शीघ्र इसकी आपूर्ति करे. हालांकि केंद्र पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन होने का दावा कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक राज्य में वैक्सीन की खुराक पर्याप्त है. मंत्रालय का कहना है कि, उसे अपने ही स्टाॅक की सही जानकारी नहीं है.
जबकि राज्य सरकार का दावा है कि उनके पास बच्चों को लगनेवाले जीवनरक्षक टीके का पर्याप्त स्टॉक नहीं है. इनमें बच्चों को गहन मिशन इंद्रधनुष के तहत लगनेवाले जिन जीवनरक्षक टीकों की चर्चा है, उनमें तीन संक्रामक रोगों से बचाव के लिए लगनेवाले डीपीटी, हेपेटाइटिस-बी और जेई वैक्सीन प्रमुख तौर पर शामिल है, जिसे चमकी बुखार (जापानी इंसेफ्लाइटिस) से रोकथाम के उपाय के तौर पर लिया जाता है.
राज्य में टीकों का रिजर्व स्टॉक की सही जानकारी नहीं होने और जिलों में इसके डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क यानी वितरण में खामियां हैं. केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकारों को जरूरत के हिसाब से वैक्सीन मुहैया कराया जा रहा है. इसके बावजूद उसे टीकों को जरूरत है तो, टीकाकरण के लिए सही कार्ययोजना तैयार कर वैक्सीन का वितरण जिलों में इस प्रकार करना होगा कि लाभार्थी की संख्या और वैक्सीन की संख्या का समान वितरण हो और उसका इस्तेमाल भी हो. टीकों के मामले में ई-विन ऐप पर 16 जिलों के 32 कोल्ड चेन सेंटर ने सही जानकारी नहीं दी है. इसमें कुछ ने तो 148 दिनों से स्टॉक का मिलान नहीं किया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को पता ही नहीं है कि उसके कोल्ड चेन रेफ्रीजरेटर में कितने दिनों का स्टॉक शेष है.
केंद्र ने कहा :
राज्य के अंदर बने कोल्ड चेन प्वाइंट 148 दिनों से अपडेट नहीं, जानकारी में गड़बड़ी
बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, कोडरमा, लातेहार, पाकुड़, साहिबगंज, सरायकेला खरसावां, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम.
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग का प्रतिरक्षा प्रभाग नियमित रूप से टीका उपलब्ध कराने से पहले प्रत्येक स्टॉक की स्थिति का मूल्यांकन करता है, उसके अनुसार, एक अगस्त को राज्य में डीपीटी वैक्सीन की लगभग 4,03,290 डोज थे. इसकी औसत मासिक खपत 89000 खुराक है. इस मूल्यांकन के आधार पर उपभोग पैटर्न पर विचार करने के बाद इसे 135 दिनों की अवधि के लिए पर्याप्त माना गया है. नये शेड्यूल के तहत डीपीटी वैक्सीन की अभी 90000 खुराक दी जानी है.
हेपेटाइटिस-बी के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की आपूर्ति की गयी थी, सभी कोल्ड चेन बिंदुओं पर 3,44,000 खुराकों की सूची थी, इसे 348 दिनों में कवर करने का अनुमान है. औसत टीकाकरण 11 माह तक के लिए पर्याप्त है. औसत मासिक खपत 29,700 खुराक के हिसाब से भी पर्याप्त बताया गया है.
मेसर्स भारत बाॅयोटेक से जेई (जापानी इंसेफ्लाइटिस) वैक्सीन के एक अगस्त के स्टॉक को चेक कर बताया कि जेनवैक की 2,24000 खुराकें थीं, जो 96 दिनों के बराबर थीं. इसे राज्य के औसत मासिक खपत 70,000 खुराक के हिसाब से भी पर्याप्त बताया गया है.