झारखंड अलग राज्य गठन के 22 वर्षों बाद ‘झारखंड राज्य साहित्य एकेडमी’, ‘झारखंड राज्य संगीत-नाट्य एकेडमी’ और ‘झारखंड राज्य ललित कला एकेडमी’ का गठन करने का निर्णय लिया गया है. इसकी जिम्मेदारी पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग को सौंपी गयी है. विभाग के अंतर्गत झारखंड सांस्कृतिक कार्य निदेशालय ने तीनों एकेडमी के गठन के लिए प्रस्ताव सह नियमावली का प्रारूप (ड्राफ्ट) तैयार कर लिया है.
हालांकि, कैबिनेट से इसकी स्वीकृति लेने से पूर्व राज्य सरकार ने एकेडमी के गठन प्रस्ताव में प्रबुद्ध कलाकारों, साहित्यकारों, संस्कृतिकर्मियों, रंगकर्मियों आदि से सुझाव, विचार आदि मांगे हैं. ताकि इसके गठन में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं रह जाये. इसके लिए सांस्कृतिक कार्य निदेशालय ने 11 सितंबर 2023 तक का समय निर्धारित किया है.
संतोषजनक सुझाव/विचार आने पर इसे प्रस्ताव/नियमावली में शामिल किया जायेगा व इसे अंतिम रूप दिया जायेगा. सुझाव या विचार देनेवाले व्यक्ति निदेशालय की वेबसाइट (www.jharkhanadculture.com) से तैयार प्रस्ताव सह प्रारूप नियमावली डाउनलोड करते हुए अपना सुझाव या विचार हाथों-हाथ/निबंधित डाक/कुरियर से एमडीआइ भवन धुर्वा स्थित निदेशालय कार्यालय में जमा कर सकते हैं. या फिर निदेशालय के ई-मेल (dirjharkhandculture@gmail.com) पर भी भेज कर सकते हैं.
अलग राज्य गठन के बाद से ही झारखंड में साहित्य सहित संगीत-नाटक तथा ललित कला एकेडमी के गठन की मांग विभिन्न संगठनों के माध्यम से होती रही है. साहित्य एकेडमी के गठन के लिए स्थापना संघर्ष (तदर्थ) समिति का गठन किया गया है. कई संगठनों ने मुख्यमंत्री से मिल कर गठन की भी मांग रखी थी. संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिरोमणि महतो सहित विधायक विनोद सिंह, कलाकार बासु बिहारी ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल कर तीनों एकेडमी के गठन की मांग की थी. मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने सदस्यों को आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही इस दिशा में कार्रवाई होगी.