ऋण संगोष्ठी : स्टेट क्रेडिट सेमिनार में कर्ज देने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ से की तुलना

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऋण वितरण मामले में झारखंड की तुलना छत्तीसगढ़ से की

By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2020 12:09 PM

रांची : प्रदेश के विकास में बैंकों का अहम योगदान है. सरकार किसानों की आय बढ़ाना चाहती है. बैंकों को कृषि क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में गैर कृषि आधारित ऋण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. बैंक इसमें भी सहयोग करें. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के राज्य ऋण संगोष्ठी (स्टेट क्रेडिट सेमिनार) के दौरान यह बातें कहीं. बैठक का आयोजन होटल बीएनआर में किया गया था, जहां नाबार्ड, रिजर्व बैंक व राज्य सरकार के अधिकारी मौजूद थे.

सीएम ने जताया असंतोष :

इस दौरान मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 233 करोड़ के ऋण वितरण को लेकर असंतोष प्रकट करते हुए इसकी तुलना झारखंड के साथ बने राज्य छत्तीसगढ़ से की. उन्होंने कहा कि इसी समयावधि के दौरान वहां सात हजार करोड़ रुपये का ऋण कृषि क्षेत्र को प्रदान किया गया. उन्होंने राज्य में इस क्षेत्र के अंदर बैंकों को ऋण सुविधा बढ़ाने को कहा.

नाबार्ड ने झारखंड के लिए 28 हजार करोड़ रुपये की ऋण योजना तैयार की

इस साल केंद्र में रहेगा किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि उपज को बढ़ावा देना

फसल ऋण, उत्पादन और मार्केटिंग के लिए : 6908 करोड़

कृषि क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास के लिए: 495 करोड़

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के लिए : 12669 करोड़

शिक्षा : 1054 करोड़

आवास : 2379 करोड़

अक्षय ऊर्जा के विकास के लिए : 95.15 करोड़

स्वयं सहायता समूह : जेएलजी के लिए : 936.15 करोड़

सामाजिक बुनियादी ढांचे से जुड़े ऋण प्रवाह के लिए : 214.83 करोड़

पिछड़े जिलों को विकास के साथ जोड़ना लक्ष्य

राज्य के पिछड़े जिलों को विकास के साथ जोड़ने पर चर्चा हुई. पाकुड़, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, साहेबगंज जिलों में विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि अभी भी यहां 85 प्रतिशत छोटी जोत वाले सीमांत किसान हैं. एमएसएमइ, अंडा उत्पादन को 60 लाख तक ले जाने, मछली उत्पादन को 1.5 मीट्रिक टन का इजाफा के लिए बैंकों की ओर से स्वयं सहायता समूह को मजबूत करने की बात कही गयी.

28,644 करोड़ रुपये की राज्य ऋण योजना

नाबार्ड की ओर से वर्ष 2020-21 में झारखंड के लिए 28,644 करोड़ रुपये की राज्य क्रेडिट योजना प्रस्तुत किया गया. नाबार्ड ने स्टेट फोकस पेपर में इस वर्ष राज्य की ऋण संभावना में इजाफा किया है. इसमें प्रदेश के सभी 24 जिलों में आर्थिक विकास को रफ्तार देने के उद्देश्य से क्रॉप लोन और टर्म लोन श्रेणी में 10290 करोड़ रुपये की ऋण क्षमता का प्रावधान किया गया है.

Posted By : Sameer Oraon

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