Jharkhand: छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय सम्मेलन में बोले लोबिन हेंब्रम, सरकार को बनानी होगी स्थानीय नीति

झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि आदिवासी समाज अंग्रेजी हुकूमत के सामने नहीं झुका, तो हमलोग जनविरोधी ताकत के सामने क्यों झुकेंगे. आदिवासी आंदोलन से ही सीएनटी-एसपीटी एक्ट बना, लेकिन इस कानून की आज धज्जियां उड़ायी जा रही हैं.

By Rahul Kumar | September 12, 2022 8:59 AM

Jharkhand Politics : झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि आदिवासी समाज अंग्रेजी हुकूमत के सामने नहीं झुका, तो हमलोग जनविरोधी ताकत के सामने क्यों झुकेंगे. आदिवासी आंदोलन से ही सीएनटी-एसपीटी एक्ट बना, लेकिन इस कानून की आज धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. झारखंड अलग राज्य निर्माण में आदिवासी-मूलवासी के अनेक लोगों ने लहू बहाया और अपनी आहुति दी. झारखंड को बाहरियों का चारागाह नहीं बनने देंगे. श्री हेंब्रम रविवार को पुराने विधानसभा मैदान में झारखंड बचाओ मोर्चा की ओर से आयोजित छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

1932 का खतियान हो स्थानीय नीति का आधार

इसमें रांची, रामगढ़, लोहरदगा, खूंटी, सिमडेगा, गुमला समेत विभिन्न जिलों के स्थानीय नीति-नियोजन नीति के समर्थक जुटे. श्री हेंब्रम ने कहा कि बड़ी जद्दोजहाद से झारखंड राज्य का निर्माण हुआ, लेकिन हेमंत सरकार 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति नहीं बना रही है. सरकार को सत्ता जाने का डर सता रहा है. इसे बचाने के लिए विधायकों को रायपुर ले जाया गया, लेकिन मैं नहीं गया. मुझे आदिवासी-मूलवासी का चिंता है.

सरकार को स्थानीय नीति बनानी होगी

उन्होंने कहा कि सरकार को स्थानीय नीति, नियोजन नीति बनानी होगी. हम गरीब का बेटा हैं, तो अपना अधिकार चाहिए. झारखंड में नौकरी और जमीन लूटोगे, तो झारखंड बचाओ मोर्चा बर्दाश्त नहीं करेगी. श्री हेंब्रम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेसा कानून लागू हुआ, परंतु झारखंड में अभी तक नियमावली नहीं बनायी गयी है. मुझे पार्टी से निकाला जा सकता है, माटी से नहीं. मैं जब तक जिंदा रहूं, तब तक और स्थानीय नीति लागू करने के लिए संघर्ष करता रहूंगा. अगला कार्यक्रम आदिवासी मूलवासी बचाओ महारैली मोरहाबादी में होगी.

अधिकार की लड़ाई है स्थानीय नीति

पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि स्थानीय नीति हमारी अधिकार की लड़ाई है. यह जब तक लागू नहीं होता है, तब तक हम लोग संघर्ष करते रहेंगे. पूर्व विधायक मंगल सिंह बंगा ने कहा कि स्थानीय नीति नियोजन नीति 2001 में ही बन जाना चाहिए था, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है. हम इस मांग को लेकर लड़ते रहेंगे. संयोजक प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि स्थानीय नियोजन नीति हम आदिवासी मूलवासी का मूल आधार है. छात्र नेता अजय टोप्पो ने कहा कि बिनोद बिहारी महतो ने कहा था िक पढ़ो व लड़ो. उसी की तरह हमें आगे बढ़ने की आवश्यकता है. सम्मेलन की अध्यक्षता पीसी मुर्मू ने की. मौके पर पूर्व सांसद त्रिशंकु सिंकू, निरंजना हैरेंज, डीपी जामुदा, पूर्व विधायक बहादुर उरांव, लक्ष्मी नारायण मुंडा, राजू महतो, कुंदरसी मुंडा, एलएन उरांव, सुब्रतो मुखर्जी, विजय शंकर नायक समेत कई नेता मौजूद थे.

1932 खतियान लागू होगा

मंत्री चंपई सोरेन ने कहा है कि झारखंड आंदोलन के समय से ही खतियान के अधिकार की बात होती रही है. राज्य सरकार यहां के लोगों की भावना का ख्याल रखेगी. 1932 का खतियान लागू होगा. मुख्यमंत्री ने सदन में घोषणा की है, रास्ता निकालने की कोशिश होगी. झारखंड में बिहारी की बात होती है. संकीर्ण मानसिकता वाले लोग ऐसा करते हैं. यहां ओड़िशा, आंध्रप्रदेश के लोग भी रहते हैं. किसी की भावना के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी.

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