Lohri 2023: पौष मास के समापन और माघ की शुरुआत की खुशी में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन से शीतलहर का प्रकोप धीरे-धीरे कम होने लगता है. दिन बड़ा होने लगता है. अग्नि और सूर्य देव की पूजा अर्चना कर मंगलकामना की जाती है. नयी फसल बेहतर हो इसके लिए प्रार्थना की जाती है. लोहड़ी की तैयारी सुबह से ही शुरू हो जायेगी. लोग घरों के सामने साफ-सफाई कर लकड़ियां इकट्ठा करेंगे. सूर्यास्त के बाद अग्निदेव की पूजा होगी और लोहड़ी प्रज्ज्वलित की जायेगी. अग्नि में तिल, गुड़, रेवड़ी, गजक. मूंगफली आदि डाल कर सर्द की विदाई और नयी फसल बेहतर हो इसकी कामना की जायेगी. लोग अग्नि का फेरा लेंगे. इस दौरान भांगड़ा और गिद्दा की धूम होगी. कई जगहों पर सामूहिक भोज होगा. इस दिन नवविवाहिता व नवप्रसुता के घरों में खास उत्सव होता है.
यह कथा माता सती से जुड़ी है. राजा दक्ष ने जब भगवान शिव का अपमान किया था, तो माता सती उसे बर्दाश्त नहीं कर सकीं. इसके बाद अपने आपको हवन कुंड के हवाले कर दिया. माता सती को आग में जलता देखकर भगवान शिव काफी गुस्से में आ गये और राजा के सिर को काट दिया. इसके बाद राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ. फिर ब्रह्माजी की प्रार्थना पर भगवान शिव ने राजा के सिर के बदले बकरे का सिर लगा दिया था. इसके बाद माता सती ने पार्वती के रूप में जन्म लिया और इसके बाद से दक्ष प्रजापति लोहड़ी के अवसर पर पार्वती जी को उपहार भेजकर क्षमा मांगी थी. उसी समय से नवविवाहिताओं के घरों में मायके से उपहार भेजे जाते हैं.
पंजाबी हिंदू बिरादरी आज शाम सात बजे से लोहड़ी मनायेगी. ओवरब्रिज के नीचे लाला लाजपत राय पथ पर पंजाबी भवन के सामने सांझी लोहड़ी प्रज्ज्वलित की जायेगी. सांसद संजय सेठ, महुआ माजी, विधायक सीपी सिंह रहेंगे. यह जानकारी प्रवक्ता अरुण चावला ने दी.
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रांची नागरिक समिति शाम छह बजे अपर बाजार में लोहड़ी मनायेगी. सांसद संजय सेठ, सीपी सिंह, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, किशोर मंत्री उपस्थित रहेंगे. बहावलपुरी पंजाबी समाज में शुक्रवार रात 9:30 बजे कृष्णा नगर कॉलोनी में सांझी लोहड़ी का आयोजन किया गया है. सांसद महुआ माजी, सीपी सिंह माैजूद रहेंगे.
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भगवान सूर्य के दक्षिणायन से उतरायण होने का त्योहार मकर संक्रांति 15 को मनाया जायेगा. वाराणसी पंचांग के अनुसार 14 जनवरी की रात 3:02 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इस कारण इसका पुण्यकाल 15 जनवरी को मनाया जायेगा. यही कारण है कि संक्रांति का स्नान व दान रविवार को ही होगा. इसी दिन भगवान को तिल, गुड़, चूड़ा, खिचड़ी आदि अर्पित किया जायेगा. हालांकि रविवार होने के कारण लोगों के मन में यह सवाल है कि इस दिन तिल और खिचड़ी का सेवन कैसे होगा. पंडित कौशल कुमार मिश्र ने कहा कि पर्व-त्योहार में दिन का महत्व गौण हो जाता है. इस कारण रविवार को ही तिल दान करें. 14 जनवरी से झारखंड के लोक पर्व टुसू का उत्सव शुरू होगा. वहीं तमिलनाडु का लोकपर्व पोंगल 15 जनवरी को शुरू होगा.