Exclusive: झारखंड के दो सांसद लोकसभा चुनाव तो जीत गए, लेकिन अपने ही बूथ पर प्रतिद्वंद्वी से हार गए
झारखंड के लोकसभा चुनाव परिणाम कई रोचक नजारे दिखा रहे हैं. यहां से नए चुने गए 14 सांसदों में से दो तो ऐसे हैं, जो लाखों लोगों का वोट पाकर लोकसभा चुनाव भले ही जीत गए हैं, लेकिन अपने मोहल्ले वालों का भरपूर समर्थन पाने से चूक गए.
रांची : झारखंड के दो सांसद लोकसभा चुनाव जीतने में भले ही कामयाब हो गए हैं, लेकिन अपने ही मतदान केंद्र पर हार गए हैं. जी हां, यह सच है. इन लोगों को अपने पड़ोसियों से मिलने वाला प्यार वोट में नहीं बदल सका. इस कारण मोहल्लेवासियों के मतदान में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से इन्हें मुंह की खानी पड़ी है. ये सांसद हैं विजय हांसदा व जोबा माझी. चुनाव आयोग की ओर से तैयार हर मतदान केंद्र पर मतदान के आंकड़ों से इसका पता चलता है.
विजय हांसदा व जोबा माझी को प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी से कम वोट मिले
राजमहल से झामुमो सांसद विजय हांसदा और सिंहभूम की नई सांसद जोबा माझी को अपने घर वाले मतदान केंद्र पर प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी से कम वोट मिले हैं. विजय हांसदा झामुमो के टिकट पर राजमहल लोकसभा क्षेत्र से जीते हैं. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार ताला मरांडी को हराय़ा है. इसी तरह सिंहभूम सीट से झामुमो टिकट पर विजयी जोबा माझी ने भाजपा की गीता कोड़ा को हराया है. विजय हांसदा का घर पाकुड़ में है.
विजय हांसदा को अपने मतदान केंद्र पर ताला मरांडी से कम वोट मिले
विजय हांसदा का घर राजमहल लोकसभा क्षेत्र के तहत ही है. मतदाता सूची में उनका नाम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत 29 नंबर बूथ पर है. लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार होने के बावजूद उन्हें अपने मतदान केंद्र पर केवल 157 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार ताला मरांडी को इस बूथ पर 326 मत मिले हैं. विजय हांसदा को मिले वोट से यह पता चलता है कि उनके पड़ोसियों ने इस बात का ख्याल नहीं रखा कि उनके घर के बगल का नौजवान लोकसभा चुनाव में कांटे की टक्कर में है. ऐसा भी हो सकता है कि आस-पास के लोगों की उनसे नाराजगी हो, जो मतदान के दिन प्रकट हुई हो.
जोबा माझी के बूथ पर गीता कोड़ा की जीत
सिंहभूम की नई सांसद जोबा माझी का घर चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के 219 नंबर मतदान केंद्र पर है. चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र भी सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में ही है. लोकसभा चुनाव में जोबा माझी की आमने-सामने की टक्कर भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा से थी. जोबा माझी लोकसभा चुनाव भले ही जीत गई हैं, लेकिन उनके पड़ोसियों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मतदान में पड़ोसी धर्म निभाने से परहेज किया. इस कारण जोबा माझी ने जिस मतदान केंद्र पर खुद मतदान किया, वहां उनसे ज्यादा समर्थन गीता कोड़ा को मिला. गीता कोड़ा को 339 और जोबा मांझी को 311 वोट मिले. इस तरह जोबा माझी लोकसभा चुनाव जीतने के बावजूद अपने ही मतदान केंद्र पर गीता कोड़ा से 28 वोटों से हार गईं.