आनेवाले लोकसभा चुनाव में जमशेदपुर सीट की राजनीति पर सबकी नजर होगी. दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, रघुवर दास और झारखंड की राजनीति में दिग्गजों का खेल बिगाड़ने, भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की कॉपी-बही लेकर चलनेवाले निर्दलीय विधायक सरयू राय की राजनीतिक कर्मभूमि वाली इस सीट में सियासी दावं-पेच भी काफी गहरे होते हैं. जमशेदपुर संसदीय सीट पर इस बार राजनीतिक रोमांच दिख सकता है. झामुमो के बागी विद्युत वरण महतो भाजपा में शामिल हुए और वर्ष 2014 में लोकसभा पहुंचे. 2019 के लोकसभा चुनाव में विद्युत वरण ने और लंबी लकीर खींची. विद्युत वरण ने कोल्हान के टाइगर कहे जानेवाले वर्तमान में हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री चंपई सोरेन को तीन लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी. विद्युतवरण की यह बड़ी जीत थी. लगातार दो चुनाव में विद्युत वरण की जीत ने उन्हें कोल्हान की राजनीति में स्थापित कर दिया.
सौम्य स्वभाव, पार्टी लाइन के साथ चलने वाले और विवादों से दूर रहनेवाले विद्युतवरण आनेवाले चुनाव में भी प्रबल दावेदार होंगे. उनके साथ एक जाति विशेष के बड़े वोट की गोलबंदी भी है. विद्युत वरण के साथ ऐसे फैक्टर, उन्हें दौड़ में आगे करते हैं. लेकिन इधर राजनीति करवट भी ले सकती है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा आनेवाले चुनाव में जमशेदपुर से भाग्य आजमा सकते हैं. भाजपा अंदरखाने इसकी चर्चा तेज है. भाजपा नेताओं का कहना है कि श्री मुंडा ने हाल के दिनों में जमशेदपुर और चाईबासा को फोकस किया है. श्री मुंडा प्रदेश में भाजपा के कद्दावर नेता हैं. केंद्रीय मंत्री मुंडा को पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ाना भी चाहती है. ऐसे में अगर मुंडा जमशेदपुर से उतरे, तो विद्युतवरण का पत्ता कट सकता है. उधर, झामुमो छोड़ कर भाजपा में शामिल होनेवाले कुणाल षाड़ंगी भी जमशेदपुर सीट को लेकर अपनी गोटी चल रहे हैं.
फ्लैश बैक
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2019 वोट मिले
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विद्युत वरण महतो, भाजपा 679632
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चंपई सोरेन, झामुमो 377542
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2014 वोट मिले
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विद्युत वरण महतो, भाजपा 464153
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डॉ अजय कुमार, झाविमो 364277
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2011- उपचुनाव वोट मिले
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डॉ अजय कुमार, झाविमो 276582
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दिनेशानंद गोस्वामी, भाजपा 120856
इधर ‘इंडिया’ गठबंधन में अभी सबकुछ साफ नहीं है. यहां शह-मात का खेल चलना है. इस सीट पर कांग्रेस अपनी दावेदारी कर सकती है. गीता कोड़ा भाजपा खेमे में गयीं, तो चाईबासा में कांग्रेस के पास उम्मीदवार का टोटा है. ऐसे में कांग्रेस जमशेदपुर का रुख करना चाहेगी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और 2011 के उपचुनाव में एक बार जीत दर्ज करनेवाले डॉ अजय कुमार की इस सीट पर नजर है. हाल के दिनों में कांग्रेस की राजनीतिक सक्रियता इस सीट पर बढ़ी है.
क्षेत्र की छह विधानसभा सीट में भाजपा कहीं नहीं, चार पर झामुमो
जमशेदपुर संसदीय सीट में छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इन छह विधानसभा सीटों पर कहीं भाजपा नहीं है. बहरागोड़, घाटशिला, पोटका और जुगसलाई विधानसभा सीट झामुमो के पास है. वहीं, जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय सरयू राय और जमशेदपुर पश्चिम से कांग्रेस के बन्ना गुप्ता विधायक हैं. जमशेदपुर संसदीय सीट के विधानसभा क्षेत्रों में झामुमो का मजबूत आधार है. यही वजह है कि जमशेदपुर संसदीय सीट पर झामुमो की मजबूत दावेदारी है.
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