राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से एक दिन पहले दिल्ली में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बने इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के घटक दलों ने लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर मंथन शुरू कर दिया है. झारखंड में भी सीटों के बंटवारे पर चर्चा शुरू हो गई है. शनिवार (13 जनवरी) को देश की राजधानी दिल्ली में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बीच झारखंड में सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई. इसमें झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ठाकुर, आलमगीर आलम के अलावा मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद, अशोक गहलोत और मोहन प्रकाश शामिल हुए. वहीं. झामुमो की ओर से चंपई सोरेन, विनोद कुमार पांडेय, सुप्रियो भट्टाचार्य, सुदिव्य कुमार सोनू ने बैठक में हिस्सा लिया. झामुमो और कांग्रेस दोनों ही दल झारखंड में ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. इस वक्त झारखंड में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की अगुवाई में I.N.D.I.A. की सरकार चल रही है. इसमें कांग्रेस और राजद भी शामिल है. लोकसभा चुनाव 2024 में ये तीनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ना चाहतीं हैं, ताकि पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार को सत्ता से बेदखल किया जा सके.
झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीटें हैं, जिसमें 11 सीटें वर्ष 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीतीं थीं. एक सीट पर उसकी सहयोगी पार्टी आजसू ने जीत दर्ज की थी. एक सीट झामुमो के खाते में आई थी, तो एक सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिली थी. अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित संताल परगना की राजमहल लोकसभा सीट पर झामुमो के विजय हांसदा ने जीत दर्ज की थी, जबकि कोल्हान की सिंहभूम (एसटी) सीट पर कांग्रेस के टिकट पर गीता कोड़ा चुनाव जीतीं थीं. बाकी किसी भी सीट पर कांग्रेस, झामुमो या राजद को जीत नहीं मिली थी. झारखंड में इस हालात को ये पार्टियां बदलना चाहतीं हैं और अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए मिलकर रणनीति बना रहीं हैं. इसलिए झारखंड से कांग्रेस और झामुमो के नेता दिल्ली गए थे.
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बता दें कि आज ही I.N.D.I.A. की वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाने का प्रस्ताव कांग्रेस की ओर से रखा गया. लेकिन, नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से इंकार कर दिया. इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का नाम आगे किया गया. इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं.
2019 के लोकसभा चुनाव में राजमहल (एसटी) सीट किस पार्टी के खाते में आई थी?
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झारखंड के किस प्रदेश अध्यक्ष के बेटे ने झामुमो का दामन थामकर दो बार लोकसभा चुनाव जीता?
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हजारीबाग लोकसभा सीट पर चुनाव जीतने वाले अब तक के सांसदों के नाम जानते हैं?
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