महास्नान के बाद 15 दिनों के लिए एकांतवास में गए भगवान जगन्नाथ, 19 जून को श्रद्धालुओं को देंगे दर्शन
रांची के जगन्नाथपुर मंदिर के पुनर्निर्माण के उत्तराधिकारी सुधांशु नाथ शाहदेव मौके पर उपस्थित रहे. उन्होंने बताया कि आज रविवार से 15 दिनों तक भगवान जगन्नाथ एकांतवास में रहेंगे. इस दौरान भक्त दर्शन नहीं कर सकेंगे. हालांकि प्रतीकात्मक रूप में राधा कृष्ण के मंदिर में उनकी पूजा की जा सकेगी.
रांची: जगत नियंता भगवान श्री जगन्नाथ ज्येष्ठ पूर्णिमा पर महास्नान के बाद 15 दिनों के लिए एकांतवास के लिए चले गए. 19 जून को यह एकांतवास समाप्त होगा. रांची के जगन्नाथपुर स्थित श्री जगन्नाथपुर मंदिर में रविवार दोपहर 1:00 बजे महास्नान का अनुष्ठान हुआ. मंदिर के मुख्य पुजारी रामेश्वर पाढ़ी समेत अन्य लोगों ने गर्भगृह से विग्रहों को मंडप में रखकर महास्नान अनुष्ठान कराया. करीब 3:30 बजे भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ एकांतवास में चले गए.
15 दिनों के लिए एकांतवास में गए भगवान जगन्नाथ
रांची के जगन्नाथपुर मंदिर के पुनर्निर्माण के उत्तराधिकारी सुधांशु नाथ शाहदेव मौके पर उपस्थित रहे. उन्होंने बताया कि आज रविवार से 15 दिनों तक भगवान जगन्नाथ एकांतवास में रहेंगे. इस दौरान भक्त दर्शन नहीं कर सकेंगे. हालांकि प्रतीकात्मक रूप में राधा कृष्ण के मंदिर में उनकी पूजा की जा सकेगी. आगामी 19 जून को यह एकांतवास समाप्त होगा.
10 दिनों का लगेगा मेला
एकांतवास खत्म होने के बाद भगवान जगन्नाथ का श्रृंगार किया जाएगा. इसके बाद उन्हें गर्भगृह से बाहर निकला जाएगा. तब वह आम जनों के दर्शन के लिए सुलभ होंगे. इसके साथ ही कई अनुष्ठान होंगे. वे अपनी मौसी के यहां जाएंगे, जो मौसीबाड़ी के नाम से जाना जाता है. उनका वहां पर 10 दिन का प्रवास होगा और यही 10 दिन उत्सव होता है. उनके प्रवास पर मेला लगता है और यह मेला लगातार 333 वर्षों से जारी है.
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