Ranchi News: कोरोना के कारण फेफड़ा हुआ कमजोर, लाइफस्टाइल व डायट बेहतर रखें
Ranchi News : कोरोना चला गया और उसके इफेक्ट भी चले गये, लेकिन इसने फेफड़ा को कमजोर कर दिया है.
रांची. कोरोना चला गया और उसके इफेक्ट भी चले गये, लेकिन इसने फेफड़ा को कमजोर कर दिया है. लोगों की इम्युनिटी भी खराब हो गयी है. इसी का नतीजा है कि जो वायरस कोरोना से पहले संक्रमित करते थे, वह तीन से पांच दिन में खत्म हो जाते थे. लेकिन उसी वायरस का असर अब तीन से छह हफ्ते तक रहता है. यही वजह है कि खांसी अब लंबे समय तक लोगों को परेशान कर रही है. यह बात नोएडा के छाती रोग विशेषज्ञ डॉ दीपक तलवार ने कही. वह रविवार को राजधानी के एक होटल में झारखंड चेस्ट फिजिशियन एसोसिएशन द्वारा आयोजित रेसिपीकॉन-2024 में जानकारी दे रहे थे.
मौसम और प्रदूषण भी फेफड़ा को कर रहा प्रभावित
डॉ दीपक ने कहा कि मौसम और प्रदूषण भी फेफड़ा को प्रभावित करता है. इससे बचाव के लिए नियमित व्यायाम और लाइफस्टाइल के साथ डायट को बेहतर करना होगा. इसके साथ ही मास्क का प्रयोग करें, जो प्रदूषण से फेफड़ा को बचायेंगे. गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को वैक्सीन भी लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इलाज की नयी पद्धति में अब टारगेटेड थेरेपी अपनायी जा रही है. यानी अब अस्थमा होने पर टारगेट थेरेपी के तहत उसी की दवाइयां दी जायेगी.
विभिन्न चिकित्सकों का रहा सहयोग : कार्यक्रम में वर्द्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफदरजंग अस्पताल, नयी दिल्ली के डॉ अनिर्बान होम चौधरी और हैदराबाद से डॉ वी नागार्जुन सहित कई डॉक्टरों ने अपनी जानकारी साझा की. आयोजन को सफल बनाने में डॉ ब्रजेश मिश्रा, डॉ शेखर सिन्हा, डॉ निशीथ कुमार और डॉ अत्रि गंगोपाध्याय का विशेष सहयोग रहा.व्याख्यान से अपडेट होते हैं डॉक्टर
रेसिपीकॉन-2024 की आयोजन समिति में शामिल छाती रोग विशेषज्ञ डॉ श्याम सरकार ने कहा कि ऐसे आयोजन से डॉक्टर इलाज की नयी तकनीक से अवगत होते हैं. रांची में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. ऐसे में सांस की बीमारी वाले मरीज बढ़ रहे हैं. एलर्जी की समस्या पहले से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रही है. ऐसे में हमें अपना बचाव खुद करना होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है