रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने बिरसा कृषि विवि में कर्मियों को एसीपी/एमएसीपी का लाभ देने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. प्रार्थी व प्रतिवादियों का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए प्रतिवादियों को चार सप्ताह के अंदर एसीपी/एमएसीपी का लाभ देने पर निर्णय लेने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि इसी तरह का मुद्दा इस अदालत द्वारा याचिका संख्या-1563/2017 में पहले ही तय किया जा चुका है और चूंकि यह रिट याचिका भी उक्त निर्णय के अंतर्गत आती है, इसलिए इसका निपटारा उसमें पारित आदेशों के अनुसार किया जा रहा है. उपरोक्त न्यायिक घोषणा के मद्देनजर वर्तमान याचिकाकर्ता के मामले पर भी विचार किया जाना चाहिए. प्रतिवादियों को इस संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया जाता है. यदि याचिकाकर्ता का मामला याचिका संख्या-1563/2017 में याचिकाकर्ता के मामले के समान पाया जाता है, तो इस याचिकाकर्ता को भी कानून के अनुसार इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तिथि से चार सप्ताह की अवधि के भीतर समान राहत प्रदान की जा सकती है. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से बताया गया कि एसीपी/एमएसीपी से संबंधित मुद्दा याचिका संख्या संख्या-1563/2017 में अदालत द्वारा पहले ही तय किया जा चुका है. इसलिए उन्हें भी एसीपी/एमएसीपी का लाभ मिलना चाहिए. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के गैर शिक्षण कर्मचारियों को नाै अगस्त 1999 के प्रभाव से एमएसीपी तथा एक अगस्त 2009 से प्रभावी एमएसीपी (बाद में एक अगस्त 2008 में संशोधित) तथा बकाया के संबंध में सितंबर 2023 के एसीपी/एमएसीपी के तहत वेतन जारी करने की स्वीकृति प्रदान की गयी है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शिक्षकेतर कर्मचारी संघ बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कांके के महासचिव मेघनाथ महतो ने याचिका दायर की थी.
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