21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Madhu Koda: मधु कोड़ा की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, HC ने खारिज कर दी थी अपील

Madhu Koda: मधु कोड़ा झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा दोषसिद्धि आदेश है, जिसे निलंबित करने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शुक्रवार को उनकी अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

Madhu Koda: सुप्रीम कोर्ट झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा. मधु कोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट से कोयला घोटाला मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक का आग्रह किया है. ताकि वह आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ सकें. जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की पीठ आज यानी गुरुवार को कहा कि देरी से फाइल मिलने के कारण पर गौर नहीं कर पाए हैं. इस कारण मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. बता दें, इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक की अपील वाली मधु कोड़ा की याचिका को 18 अक्टूबर को खारिज कर दिया था. सीबीआई ने मधु कोड़ा की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह विचार योग्य नहीं है.

तीन साल की मिली थी सजा
साल 2017 में निचली अदालत ने मधु कोड़ा समेत अन्य लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. निचली अदालत ने 13 दिसंबर 2017 को मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु और विजय जोशी को भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने और राज्य के राजहरा उत्तर कोयला ब्लॉक को कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को आवंटित करने में आपराधिक साजिश रचने के आरोप में तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान कोयला घोटाले में वीआईएसयूएल, मधु कोड़ा और एचसी गुप्ता पर 50 लाख और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. दोषियों को उनकी अपील लंबित रहने के दौरान जमानत दे दी गई थी.

2017 के दोषसिद्धि आदेश को निलंबित करने का अनुरोध
मधु कोड़ा झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा दोषसिद्धि आदेश है, जिसे निलंबित करने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दिसंबर 2017 के दोषसिद्धि आदेश को निलंबित करने का अनुरोध किया है. बता दें, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने और कम से कम दो साल की जेल की सजा पाने वाले व्यक्ति को तुरंत सांसद, विधायक या राज्य विधान परिषद के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. जेल से रिहा होने के बाद भी व्यक्ति छह साल तक अयोग्य बना रहता है.

सीबीआई ने दी यह दलील
इधर, मधु कोड़ा की याचिका के खिलाफ सीबीआई का कहना है कि मधु कोड़ा की ओर से दायर इसी तरह की अर्जी को मई 2020 में हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सीबीआई ने कहा था कि राहत के अनुरोध वाली उनकी नयी याचिका विचार योग्य नहीं है. मई 2020 में, हाई कोर्ट ने कोड़ा की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक उन्हें बरी नहीं कर दिया जाता, तब तक उन्हें किसी भी सार्वजनिक पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति देना उचित नहीं होगा.

Also Read: Cyclone Dana: चक्रवाती तूफान का दिखने लगा असर, झारखंड में अलर्ट, जानें अगले 12 घंटों का मौसम

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें