प्रतिनिधि, डकरा : मधुकाॅन कंपनी के अधिकारी बुधवार को अंचल कार्यालय नहीं पहुंचे. उन्होंने प्लांट में स्टाॅक बालू का चालान जमा नहीं किया. इस संबंध में सीओ प्रणव अंबष्ट ने प्रभात खबर को बताया कि कंपनी के महाप्रबंधक ईदरिश अंसारी ने स्वयं दोपहर 12 बजे का समय दिया था, लेकिन उन्होंने फोन कर कहा कि कागजात का मिलान नहीं हो सका है, इसलिए वे गुरुवार को सभी संबंधित कागजात लेकर आयेंगे. सीओ ने कहा कि अगर गुरुवार को चालान नहीं जमा किया तो कार्रवाई की जायेगी. दूसरी ओर रांची डीएमओ कार्यालय के एक पदाधिकारी ने बुधवार को दिन भर प्लांट में अपना समय दिया. चर्चा यह भी है कि बालू सप्लाई से जुड़े लोगों की भी प्लांट में गतिविधि बनी रही. महाप्रबंधक ने सीओ को बताया था कि बालू का काम एक सितंबर से बंद है. जबकि सीओ ने कहा कि मुझे पता है कि प्रभात खबर में छपी खबर के बाद बालू का काम बंद किया गया है. ऐसे में प्लांट में स्टाॅक बालू, प्रतिदिन की खपत, सीसीटीवी फुटेज, चालान की पूरी प्रक्रिया, आसपास काम करनेवाले सीआइएसएफ जवान, सीसीएल कर्मी के बयान से बालू के खेल और इसमें शामिल लोगों की भूमिका स्पष्ट होने के भय से कुछ लोग डरे हुए हैं. पुलिस की भूमिका संदेहास्पद : मधुकाॅन कंपनी में प्रतिदिन लाखों रुपये का बालू उठाव मामले में पुलिस की भूमिका भी संदेहास्पद है. हाल के दिनों में कई ट्रैक्टर को पकड़कर पुलिस ने उसपर एफआइआर दर्ज किया है. जबकि कंपनी के द्वारा बड़े पैमाने पर चल रहे बालू के अवैध कार्य के विरुद्ध कुछ नहीं किया गया. यही नहीं कुछ ट्रैक्टर को सिर्फ चालान काटकर छोड़ दिया गया है. एक ही तरह के अपराध पर दो तरह की कार्रवाई से क्षेत्र में बालू के अवैध कारोबार को संरक्षण देनेवालों की कलई खुलने लगी है.
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