17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Video: महाकुंभ में श्रद्धालु ईश्वर से कर रहे थे प्रार्थना, हे भगवान, गिरने से बचा लेना, रांची की रानी देवी ने बताई भगदड़ की कहानी

Mahakumbh Stampede Story: महाकुंभ में त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए प्रयागराज गयी रांची की रानी देवी ने वहां भगदड़ के बाद का नजारा देखा, तो रो पड़ीं. रांची लौटने के बाद उन्होंने बताया कि महाकुंभ क्षेत्र में भगदड़ मची कैसे.

Mahakumbh Stampede Story: मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में पुण्य स्नान करने के लिए झारखंड की राजधानी रांची की रानी देवी भी गईं थीं. हिनू की रहने वाली रानी देवी गुरुवार तड़के करीब ढाई बजे रांची पहुंचीं. प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ से जुड़ी बातें उन्होंने प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) से साझा की. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोग गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम (त्रिवेणी) और गंगा के तट पर पहुंचे थे. सभी मौनी अमावस्या पर शुभ और ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का इंतजार कर रहे थे. इसलिए बहुत से लोग नदी किनारे बालू पर ही सो गये थे. महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालु संगम में स्नान करना चाहते थे. अचानक से भगदड़ मच गयी और इंसान के ऊपर इंसान गिरने लगे. इसी में कई लोगों की दबकर मौत हो गई.

28 जनवरी को प्रयागराज पहुंचीं थीं रानी देवी

रानी देवी ने बताया कि वह 27 जनवरी को रांची से प्रयागराज के लिए निकलीं थीं. 28 जनवरी को वह महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचीं. उस दिन बड़े आराम से संगम में स्नान किया. अगले दिन यानी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर पुण्य स्नान करने के लिए वहीं रुक गईं. रानी देवी ने कहा कि प्रशासन ने प्रयागराज में अच्छा इंताजम किया है, लेकिन आने-जाने का रास्ता एक ही था, जिसकी वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया.

मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान नहीं कर पायीं रांची की रानी देवी

रानी देवी ने कहा कि भीड़ और भगदड़ की वजह से मौनी अमावस्या के दिन वह संगम में स्नान नहीं कर पायीं. गंगा में पानी कम होने के बावजूद उसी में डुबकी लगाकर लौट आईं. उन्होंने बताया कि जब घटना हुई, वह वहीं पर थीं. उन्होंने एक महिला को रोते हुए देखा. वह अपने देवर के साथ कुंभ स्नान करने आई थी. उसे रोते हुए देखकर रानी देवी भी रोने लगीं.

झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

आने और जाने के लिए था एक ही रास्ता

रानी देवी ने कहा कि जब मेला क्षेत्र में गए, तो इतनी भीड़ थी कि हर कोई ईश्वर से सिर्फ यही प्रार्थना कर रहा था- हे भगवान, गिरने मत देना. सभी को पता था कि अगर एक बार गिर गये, तो फिर उठ नहीं पायेंगे. हजारों लोग उसे रौंदते हुए निकल जायेंगे. उन्होंने कहा कि वीआईपी रोड अलग था. उस पर रेड कार्पेट बिछा था. दूसरी ओर आम लोगों के लिए एक ही रास्ता बना था. जिस रास्ते से लोग आ रहे थे, उसी रास्ते से लोग जा भी रहे थे. अगर आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्ता बना होता, तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता.

इसे भी पढ़ें

30 जनवरी को 14.2 किलो का गैस सिलेंडर आपको कितने में मिलेगा, यहां जानें

मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए बंगाल के यूसुफ ने किया ये खेल

एमएस धोनी समेत झारखंड में कितने लोग साल में एक करोड़ या उससे अधिक कमाते हैं?

झारखंड के तापमान में उछाल, लोगों को ठंड से मिली राहत, जानें कैसा है मौसम

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें