Jharkhand News : झारखंड का पहला दिव्य महाकुंभ अगले साल रांची में आयोजित होगा. साल 2023 में 13 से 19 फरवरी तक आयोजित इस महाकुंभ में देशभर से साधु-संत और श्रद्धालुओं का जमावड़ा होगा. पहली बार इसमें सभी 13 अखाड़ों के गुरुजन शामिल होंगे. इसकी तैयारी को लेकर हरिद्वार से महामंडलेश्वर स्वामी हंसानंद गिरि जी महाराज शनिवार को रांची पहुंचे और सहयोगियों के साथ प्रेस क्लब में ये जानकारी दी. पत्रकारों से बात करते हुए स्वामी हंसानंद ने कहा कि इस तरह का आयोजन झारखंड में पहली बार हो रहा है. इसमें देशभर के संत-महात्मा, बुद्धिजीवी, राजनीति से जुड़े लोग भाग लेंगे. कुंभ में चारों पीठों के शंकराचार्य के साथ ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को शामिल होने का आमंत्रण भेजा जाएगा.
झारखंडी संस्कृति से देश-दुनिया को रूबरू कराना मकसद
आयोजन का उद्देश्य समाज में फैली विकृति के प्रति लोगों को जागरूक करना और झारखंडी संस्कृति से देश-दुनिया को रूबरू कराना है. स्वामी हंसानंद जी मूलत: जमशेदपुर के रहने वाले हैं. इस कारण भी दिव्य कुंभ का स्थान झारखंड रखा गया है. स्वामी जी ने कहा कि झारखंड के लोग बहुत प्यारे हैं और श्रद्धालुओं के चेहरों पर अभी से खुशी की लहर देखने को मिल रही है.
कुंभ में सामूहिक विवाह, 108 कुंडीय रूद्र महायज्ञ भी
दिव्य कुंभ के आयोजन के दौरान 1008 सामूहिक विवाह, 108 कुण्डीय रूद्र महायज्ञ भी होगा, जिसमें विशेष रूप से जनजातीय समाज के साथ ही समाज के अन्य लोग शिरकत करेंगे. 13 से 19 फरवरी तक हर रोज शाम चार से सात बजे श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन होगा. झारखंड के अलग-अलग जिलों में इस धार्मिक अनुष्ठान का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. आयोजन के लिए रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो और हजारीबाग में पांच हजार कार्यकर्ता तैयार किये जायेंगे. कार्यकर्ता आयोजन के लिए श्रम और अर्थदान जुटाने में सहयोग के पात्र बनेंगे.
हर दिन अलग-अलग धार्मिक व सांस्कृतिक अनुष्ठान
दिव्य कुंभ में विराट संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान हर दिन अलग-अलग धार्मिक व सांस्कृतिक अनुष्ठान किया जाएगा, जिसमें धर्म जगत के विख्यात सभी संत, सामाजिक जगत के विख्यात समाजसेवी और राजनीतिक क्षेत्र के राजनेताओं को आमंत्रित कर झारखंड की संस्कृति और सभ्यता की पहचान कराई जाएगी. इसका मार्गदर्शन परम पूज्य स्वामी हंसानंद गिरि महाराज करेंगे.
रिपोर्ट : बिपिन सिंह, रांची