12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जन आकांक्षाओं के जीवंत नायक महेंद्र सिंह

16 जनवरी का दिन जिसे हर साल बगोदर और झारखंड समेत देश के कई हिस्से में मनाया जानेवाला शहादत-संकल्प दिवस, एक क्षोभ भरा टीस देता हुआ गुजर जाता है. वर्तमान की सत्ता सियासत में जहां राजनीति को येन केन कुर्सी प्राप्ति और मुनाफे का धंधा में तब्दील कर देने की कवायद है

अनिल अंशुमन

ये हमारी वर्तमान लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की भारी विडंबना ही कही जायेगी कि देश की सबसे प्रभावशाली और ताकतवर जांच एजेंसी सीबीआइ भी जाने क्यों आज तक महेंद्र सिंह के असली हत्यारे को सज़ा देना तो दूर आज तक शिनाख्त तक नहीं कर सकी है. जो ये साबित करता है कि मामला राजनीतिक साज़िश से ही जुड़ा हुआ है अन्यथा अनुसंधान का फोकस इस बात पर नहीं होता कि गोली किसने चलायी, बल्कि गोली किसने चलवाई खोज खबर इसकी ली जानी चाहिए थी.

यही वजह है प्रत्येक 16 जनवरी का दिन जिसे हर साल बगोदर और झारखंड समेत देश के कई हिस्से में मनाया जानेवाला शहादत-संकल्प दिवस, एक क्षोभ भरा टीस देता हुआ गुजर जाता है. वर्तमान की सत्ता सियासत में जहां राजनीति को येन केन कुर्सी प्राप्ति और मुनाफे का धंधा में तब्दील कर देने की कवायद है. कब कौन-सा जनप्रतिनिधि किन विशेष स्थितियों में पाला बदल ले कहा नहीं जा सकता. खासकर झारखंड में तो ये लाइलाज़ बीमारी जैसी बनी हुई है.

अमूमन कुर्सी सियासत के महारथियों का जनता से सिर्फ चुनावों में वोट लेने-देने तक का ही रिश्ता रहता है. महेंद्र सिंह इससे सर्वथा परे जनता की आकांक्षाओं के एक जीवंत नायक के रूप में जीवनपर्यंत स्थापित रहे. ये कोई भावुकता भरी बात नहीं है कि झारखंड की लोकतंत्र पसंद अवाम के लिए महेंद्र सिंह आज भी आदर्श राजनेता बने हुए हैं. इनके प्रखर विचारों और सदन से सड़क तक उठनेवाली बातों की खनक सत्ता-शासन के शीर्ष तक पर विराजमान हर खास के दिल दिमाग को भेद डालती थी.

झारखंड की मौजूदा राजनीतिक दुनिया में जो स्थान महेंद्र सिंह जी को मिला, उसकी मूल वजह रही कि उन्होंने हमेशा अपनी राजनीति के केंद्र में हाशिये पर धकेल दिये गये आम जन की बेहतरी के सवालों को रखा. कभी भी जनता के लिए ये कर दिया, वो कर दिया की जुमलेबाजी से हमेशा ही स्वयं को परे रखा. व्यवस्थाजनित सवालों के मुकम्मल समाधान का सही रास्ता दिखाने का काम किया. वो चाहे उनके विधानसभा क्षेत्र बगोदर के लोग हों अथवा झारखंड के किसी भी इलाके के परेशानहाल लोग हों.

अपनी मौत से चंद दिनों पहले ही एक जन सभा को संबोधित करते हुए दो टूक लहजे में कहा भी था कि हम आपकी ज़िंदगी के सवाल हल कर दें, इसकी गारंटी नहीं दे सकते. लेकिन आपकी लड़ाइयों के साथ विश्वासघात नहीं कर सकते. जूतों की तरह पार्टियां बदलकर आपको शर्मिंदा नहीं कर सकते. आपके सवालों को हल करते हुए हम जेल जा सकते हैं, मारे जा सकते हैं पर आपका भरोसा नहीं तोड़ सकते है़.

सामाजिक संरचनाओं वाले झारखंड प्रदेश में जिन चंद वामपंथी राजनेताओं और जन प्रतिनिधियों ने झारखंडीयत के सवालों को प्राथमिक बनाते हुए भी व्यापक लोकतांत्रिक वाम दिशा पर अमल किया, महेंद्र सिंह उसके आधुनिक प्रणेता रहे. कॉमरेड एके राय की परंपरा को पूरी शिद्दत के साथ आगे बढाते हुए लाल-हरे की एकता सूत्र को व्यापक आयाम दिया. विकट राजनीतिक परस्थितियों में भी जन सवालों को लेकर किये जानेवाले संघर्ष को सदा एक रचनात्मक स्वरूप देने के लिए प्रयोग भी किये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें