रांची. झामुमो के नेतृत्व में बनी इंडिया गठबंधन सरकार ने अगस्त माह से ही मंईयां सम्मान योजना आरंभ कर दी थी. इस योजना के तहत राज्य की लगभग 57 लाख महिलाओं के खाते में 1000-1000 रुपये प्रतिमाह दिये जाने लगे थे. इस बीच चुनाव की तैयारी को लेकर भाजपा ने गोगो दीदी योजना शुरू करने की बात कही. भाजपा द्वारा गोगो दीदी योजना को लेकर घर-घर जाकर महिलाओं से फॉर्म भरवाये जा रहे थे. कहा जा रहा था कि भाजपा की सरकार बनते ही सभी महिलाओं के खाते में 2100-2100 रुपये भेजे जायेंगे. भाजपा कार्यकर्ता को फॉर्म भरवाने का जिम्मा सौंपा गया था. 25 लाख महिलाओं से फॉर्म भरवाये गये थे. इसी बीच झामुमो ने मंईयां सम्मान योजना की उम्र 18 से 49 वर्ष कर दी. साथ ही अक्तूबर के प्रथम सप्ताह में हुई कैबिनेट की बैठक में ही दिसंबर से मंईयां सम्मान की राशि 2500 रुपये किये जाने का प्रस्ताव पारित कर दिया. महिलाओं को लगने लगा कि भाजपा की सरकार तो 2100 रुपये देगी. जबकि झामुमो की सरकार 2500 रुपये देगी. अभी एक हजार रुपये मिल रहा है और सरकार बनते ही 2500 रुपये मिलने लगे. बस फिर क्या था महिलाओं ने जमकर झामुमो के पक्ष में वोट किया. महिलाओं ने नकारा गोगो दीदी योजना : गोगो दीदी योजना संताल भाषा के शब्द हैं. महिलाओं ने इस योजना को पूरी तरह नकार दिया. 25 लाख महिलाओं ने भले ही फॉर्म भरे थे. पर यह वोट में कनवर्ट नहीं हो पाया. दूसरी ओर 57 लाख महिलाओं ने मंईयां सम्मान के लिए आवेदन दिया था. कहा जा रहा है कि बड़ी संख्या में महिलाओं ने वोट किया. कल्पना सोरेन हर सभा में महिलाओं से पूछती थी खाते में पैसा आ रहा है न. राज्य में आचार संहिता लागू होने के बावजूद यह चालू योजना थी. जिस कारण अक्तूबर और नवंबर माह में भी महिलाओं के खाते में राशि भेजी गयी. इससे महिलाओं का विश्वास वर्तमान सरकार पर और बढ़ गया. वह आश्वस्त हैं कि दिसंबर माह से उनके खाते में 2500 रुपये आने लगेंगे. सरकार ने आदिवासी महिलाओं को वृद्धापेंशन 50 वर्ष की आयु से ही देने का प्रावधान किया है. इस योजना से 1000 रुपये मिलते हैं. यानी एक महिला को 18 वर्ष से 49 वर्ष तक 2500 रुपये मिलेंगे. इसके बाद भी राशि मिलती रहेगी. सरकार के घोषणापत्र में सर्वजन पेंशन की राशि भी बढ़ाये जाने की बात कही गयी है.
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