माले विधायक विनोद सिंह जनसहयोग से लड़ रहे हैं चुनाव

बगोदर से माले विधायक विनोद सिंह जनसहयोग से कोडरमा लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. विधायक कोडरमा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हैं. कोडरमा के प्रत्याशी श्री सिंह आम लोगों से आर्थिक मदद की अपील कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2024 12:22 AM
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रांची. चुनाव में धन बल का जोर है. चुनाव में उम्मीदवार (सभी नहीं ) पानी की तरह पैसा बहाते हैं. प्रत्याशी करोड़ों खर्च करते हैं. चुनाव प्रचार से लेकर बूथ मैनेजमेंट में पैसे का ही खेल है. ऐसे में एक प्रत्याशी धनपशुओं की भीड़ से अलग है. उसके पास ना तो पार्टी की ओर से खजाना मिला है, ना ही खुद सक्षम हैं. बगोदर से माले विधायक विनोद सिंह जनसहयोग से कोडरमा लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. विधायक कोडरमा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हैं. कोडरमा के प्रत्याशी श्री सिंह आम लोगों से आर्थिक मदद की अपील कर रहे हैं. फेसबुक, एक्स और वाट्सऐप के माध्यम से गांव-गांव में संदेश पहुंचाया जा रहा है. हर दिन प्रत्याशी फेसबुक में लाइव आते हैं. अपने समर्थक, शुभचिंतक और प्रवासी कामगारों से मदद की अपील कर रहे हैं. आर्थिक सहयोग के लिए कोई बाध्यता नहीं है. जिससे जो बन पड़े, वह मांगा जा रहा है. गांव-गरीब से श्री सिंह को 100-50 रुपये भी सहयोग आ रहे हैं. वहीं झारखंड से बाहर रहनेवाले प्रवासी मजदूर आगे आये हैं. दिल्ली, मुंबई, सूरत, कोलकाता और दक्षिण के राज्यों में काम करनेवाले इलाके के प्रवासी मजदूरों ने हाथ बढ़ाया है. इस चंदा की प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी रखा गया है. 20 हजार से ज्यादा सहयोग करनेवालों के पैन कार्ड नंबर देने की भी अपील की गयी है.

मिलता रहा सहयोग, गाड़ी चोरी हुई तो लोगों ने चंदा कर खरीदी

माले विधायक विनोद सिंह विधानसभा का चुनाव भी आम लोगों के सहयोग से लड़ते रहे हैं. वह बगोदर से तीन बार विधायक बने हैं. कुछ वर्ष पूर्व विधायक श्री सिंह की गाड़ी चोरी हो गयी. इसके बाद वह दोपहिया वाहन से घूमने लगे. क्षेत्र के समर्थकों व गांव वालों ने आपस में चंदा किया. इसके बाद चंदा के पैसे से विधायक के लिए गाड़ी खरीदी.

सहयोग हौसला देता है, जनता भी कॉलर पकड़ मुझसे सवाल कर सकती है : विनोद

कोडरमा से माले प्रत्याशी विनोद सिंह ने कहा कि मैं चुनाव इसी तरीके से लड़ता हूं. मेरी जनता ही चुनाव लड़ती है. तन-मन और धन से सहयोग करती है. अगर मैं किसी पूंजीपति-कॉरपोरेट से पैसे लेंगे, तो उनकी ताकत बननी होगी. उनके लिए सवाल पूछना होगा. राजनीति की मंडी में उनके लिए बिकने लगेंगे. लेकिन जनता जब सहयोग करती है, तो हौसला मिलता है. आम लोगों के लिए सदन से सड़क तक संघर्ष की ताकत मिलती है. श्री सिंह ने कहा कि आम लोगों के लिए सवाल पूछता हूं. जनता भी कॉलर पकड़ कर मुझसे सवाल कर सकती है. चौक-चौराहे में रोक कर पूछ सकती है, मैंने उनके लिए कितना संघर्ष किया. उनके प्रति कितना उत्तरदायी रहा.
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