Jharkhand Political News: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 में वर्ष 2013 में हुए संशोधन के बाद अब तक झारखंड के पांच विधायकों की सदस्यता जा चुकी है. इस अधिनियम में प्रावधान है कि दो साल से अधिक की सजा होने के बाद विधानसभा या लोकसभा की सदस्यता चली जायेगी. इसी अधिनियम के प्रावधान के तहत ममता देवी की सदस्यता भी चली जायेगी.
हजारीबाग व्यवहार न्यायालय स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट से उनको 5 साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा मिली है. राज्य में सबसे पहले इस अधिनियम के तहत आजसू विधायक कमल किशोर भगत (अब स्वर्गीय) की सदस्यता गयी थी. वर्ष 1993 के एक मामले में श्री भगत को जून 2015 में हत्या के प्रयास के एक मामले में 7 साल की सजा दी गयी थी. वह लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये थे. जेल जाने के बाद उनकी पत्नी नीरू शांति वहां से चुनाव लड़ीं और हार गयीं.
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झारखंड पार्टी के विधायक एनोस एक्का की सदस्यता भी इसी अधिनियम के तहत गयी थी. वह कोलेबिरा से विधायक थे. वर्ष 2014 में हत्या के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. इस मामले में वर्ष 2018 में सजा होने पर एनोस एक्का की सदस्यता चली गयी थी. श्री एक्का के जेल जाने के बाद कोलेबिरा सीट से उनकी पत्नी मेमन एक्का ने चुनाव लड़ा था. वह भी जीत नहीं पायीं थीं.
MLA’s of Jharkhand Who Lost Their Membership | |||
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Name | Party | Assembly Seat | Year of Sentence |
Kamal Kishore Bhagat | AJSU Pary | Lohardaga | 2015 |
Anosh Ekka | JHAPA | Koleibira | 2018 |
Amit Mahato | JMM | Silli | 2018 |
Yogendra Mahato | JMM | Gomia | 2018 |
Bandhu Tirkey | Congress | Mandar | 2022 |
Mamata Devi | Congress | Ramgarh | 2022 |
सिल्ली से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक रहे अमित महतो की सदस्यता भी इसी अधिनियम के तहत चली गयी थी. वर्ष 2006 के एक मामले में श्री महतो पर मारपीट का आरोप था. इस मामले में निचली अदालत ने उन्हें सजा दी थी. अमित महतो को वर्ष 2018 में दो साल की सजा दी गयी थी. अमित महतो की विधायिकी जाने के बाद वहीं से उनकी पत्नी सीमा महतो ने चुनाव लड़ा था. चुनाव जीतने के बाद शेष कार्यकाल के लिए उनकी पत्नी विधायक बनीं थीं.
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वर्ष 2018 में ही झामुमो के गोमिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक योगेंद्र महतो को भी निचली अदालत से सजा हुई थी. इसके बाद श्री महतो की विधायिकी चली गयी थी. श्री महतो पर वर्ष 2010 में कोयला चोरी का आरोप लगा था. रामगढ़ जिला न्यायालय ने इस मामले में श्री महतो को तीन साल की सजा थी. श्री महतो की सदस्यता जाने के बाद उनकी पत्नी सरिता महतो ने चुनाव लड़ा था. जीतने के बाद वह शेष कार्यकाल के लिए विधायक बनीं.
बंधु तिर्की को इसी अधिनियम के तहत 28 मार्च 2022 को सजा हुई थी. सजा मिलने के बाद उनकी विधायिकी चली गयी थी. मांडर विधानसभा सीट से उनकी बेटी ने शिल्पी नेहा तिर्की ने चुनाव लड़ा था. वह वहां से विधायक चुनी गयीं हैं.