ग्रामीणों की समस्या का निराकरण करे प्रबंधन
रोहिणी परियोजना के नये परियोजना पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने रैयत विस्थापितों के साथ बैठक की. परियोजना कार्यालय में आयोजित बैठक में अधिकारी, मुखिया व विस्थापित शामिल हुए.
परियोजना पदाधिकारी ने की विस्थापित के साथ बैठक प्रतिनिधि, खलारी : रोहिणी परियोजना के नये परियोजना पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने रैयत विस्थापितों के साथ बैठक की. परियोजना कार्यालय में आयोजित बैठक में अधिकारी, मुखिया व विस्थापित शामिल हुए. बैठक में श्री प्रसाद ने विस्थापितों के साथ खदान विस्तारीकरण को लेकर चर्चा की. विस्थापितों ने खदान विस्तारीकरण से पहले उनकी समस्या पर तत्काल पहल करने की मांग की. कहा कि प्रबंधन के द्वारा खदान विस्तारीकरण की बात कही जाती है, लेकिन प्रबंधन विस्थापित ग्रामीणों की समस्या पर केवल चर्चा होती है, लेकिन उसके निराकरण के लिए कोई ठोस पहल नहीं किया जाता है. खासकर विस्थापित गांव में पानी, बिजली व सड़क की समस्या पर तुरंत कार्य कभी नहीं किया जाता हे. साथ ही विस्थापित ग्रामीणों के पुनर्वास के संबंध में भी प्रबंधन के द्वारा उचित कार्रवाई नहीं दिख रही है. अपने क्षेत्र से दूर में कोई भी ग्रामीण पुनर्वास स्थल पर बसने नही जायेंगे. इसके लिए प्रबंधन जब तक तुमांग पंचायत व उससे सटे नजदीक क्षेत्र में ही ग्रामीणों के उपयुक्त जगह पर पुनर्वास स्थल के लिए कोई व्यवस्था नहीं करता है तो ग्रामीण प्रबंधन को कैसे सहयोग करेंगे. पुनर्वास के मामले पर प्रबंधन को ग्रामीणों की भावनाओं का भी ख्याल रखना होगा. तभी खदान भी आगे बढ़ पायेगा. प्रबंधन व विस्थापित के बीच पुनर्वास स्थल को लेकर कई जगहों की चर्चा हुई, जिस पर प्रबंधन के द्वारा ग्रामीणों की मांग को देखते हुए आगे कार्रवाई की बात कही गयी. परियोजना पदाधिकारी ने कहा कि गांव की जो समस्या है, उस पर प्रबंधन तुंरत पहल किया जायेगा. साथ ही कोल इंडिया के आरएंडआर पॉलिसी के तहत जो होगा उसे प्रबंधन के द्वारा विस्थापित ग्रामीणों को मुआवजा व पुनर्वास देने के लिए तत्पर है. कुछ प्रक्रिया है जिसके कारण इसमें देर हो रही है. बैठक में कहा गया कि ग्रामीण भी प्रबंधन को सहयोग करें. प्रबंधन भी ग्रामीणों की हर समस्या के निदान के लिए लगा हुआ है. बैठक में मैनेजर दीपक कुमार, सतपाल सिंह, प्रह्लाद, एसपी निगम, ग्रामीणो की ओर से तुमांग मुखिया संतोष कुमार महली, मुकद्दर लोहरा, अमृत भोगता, बहुरा मुंडा, शिवनाथ भोगता, उमेश लोहरा, सूरज लोहरा, राजेन्द्र गंझू, बुधन गंझू, मनोज गंझू, टिकेश्वर भोगता, संतोष सहित ग्रामीण मौजूद थे.
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