रांची: मांडर उपचुनाव की अधिसूचना 30 मई को जारी होगी. 23 जून को मतदान होना है. बंधु तिर्की को एक मामले में सजा मिलने के बाद से सदस्यता समाप्त हो गयी थी. इसके बाद से विधानसभा का यह सीट रिक्त है. बंधु तिर्की इस सीट से तीन बार विधायक रहे हैं. तीनों बार अलग-अलग दल से चुनाव जीते हैं. सजायाफ्ता होने के कारण श्री तिर्की इस बार चुनाव नहीं लड़ पायेंगे.
वैसे, झारखंड विकास मोर्चा के 2019 में चुनाव जीतने के बाद वह कांग्रेस में चले गये हैं. इस सीट से दिग्गज नेता करमचंद भगत भी चार बार चुनाव जीते हैं. पिछले चार चुनाव से कांग्रेस इस सीट से नहीं जीत सकी है. भाजपा एक बार ही इस सीट से जीती है. 1995 में झारखंड मुक्ति मोरचा के विश्वनाथ भगत भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस और अन्य दलों ने भी मांडर उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है.
अभी किसी दल ने प्रत्याशियों के नाम का पत्ता नहीं खोला है. पिछले चुनाव में जीतने वाली झारखंड विकास मोरचा का विलय भाजपा में हो गया है. इस कारण झाविमो का प्रत्याशी इस बार मैदान में नहीं होगा. पिछली बार झारखंड विकास मोरचा का नेतृत्व करने वाले बाबूलाल मरांडी अभी भाजपा के साथ हो गये हैं. करीब तीन साल का कार्यकाल बचा है. इस कारण सभी दल उप चुनाव में पूरी तैयारी से चुनाव लडेंगे. सभी दलों ने प्रत्याशियों के नाम पर मंथन करना शुरू कर दी है.
वर्ष विधायक का नाम दल
1957 राम विलास प्रसाद जेएचपी
1962 पॉल दयाल झापा
1967 करमचंद भगत स्वतंत्र
1972 श्रीकृष्ण भगत कांग्रेस
1977 करमचंद भगत कांग्रेस
1980 करमचंद भगत कांग्रेस
1985 गंगा भगत कांग्रेस
1990 करमचंद भगत जद
1995 विश्वनाथ भगत झामुमो
2000 देव कुमार धान कांग्रेस
2005 बंधु तिर्की यूजीडीपी
2009 बंधु तिर्की जेएचजेएएम
2014 गंगोत्री कुजूर भाजपा
2019 बंधु तिर्की झाविमो
Posted By: Sameer Oraon