Mandar By-Election: क्राइम-करप्शन की वजह से पिता की गयी विधायकी तो बेटियों ने संभाली कमान
मांडर उपचुनाव के नतीजे सामने आ गये हैं. कांग्रेस की उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की मांडर की विधायक बन गयी हैं. शिल्पी नेहा तिर्की सूची में दूसरे नंबर पर हैं जिन्होंने पिता की विरासत संभाली है. इससे पहले कांग्रेस की अंबा प्रसाद पिता की विरासत संभाल रही हैं.
Jharkhand News: मांडर उपचुनाव के नतीजे सामने आ गये हैं. कांग्रेस की उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की मांडर की विधायक बन गयी हैं. शिल्पी नेहा तिर्की सूची में दूसरे नंबर पर हैं जिन्होंने पिता की विरासत संभाली है. क्राइम-करप्शन की वजह से पिता की विधायकी गयी उसके बाद बेटियों ने विरासत को संभाला. इससे पहले कांग्रेस की अंबा प्रसाद पिता की विरासत संभाल रही हैं.
बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद संभाल रही विरासत
बड़कागांव विधानसभा की वर्तमान विधायक अंबा प्रसाद पिता योगेंद्र साव की विरासत संभाल रही हैं. अंबा अपने परिवार की तीसरी सदस्य हैं, जो विधायक बनी. पहले पिता योगेंद्र साव फिर मां निर्मला देवी विधायक बनी. इसके बाद साल 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बनी. अंबा प्रसाद के पिता योगेंद्र साव की विधायकी हजारीबाग जिले के बड़कागांव स्थित चिरूडीह हत्याकांड में सजा मिलने की वजह से हुआ था. इस मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी व पूर्व विधायक निर्मला देवी को अदालत ने 10-10 साल की सजा सुनायी थी. अदालत ने योगेंद्र साव पर 6 हजार रुपये जुर्माना लगाया, वहीं निर्मला देवी पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इस मामले में पहले ही अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था.
बंधु तिर्की की विधायकी जाने के बाद शिल्पी बनी विधायक
शिल्पी नेहा तिर्की कांग्रेस पार्टी से मांडर विधानसभा की विधायक बनी हैं. इन्होंने 23 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है. इनके पिता बंधु तिर्की की विधायकी आय से अधिक संपत्ति मामले में गयी है. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने दोषी पाया था. अदालत ने उन्हें तीन साल के कारावास की सजा सुनायी थी. बंधु तिर्की पर आय से अधिक 7. 20 लाख रुपये संपत्ति अर्जित करने का आरोप सही पाया गया था. सीबीआइ ने इसकी सूचना स्पीकर को भेजी़ स्पीकर ने दस्तावेज की जांच के बाद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में निहित प्रावधान के आलोक में श्री तिर्की के विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की मंजूरी दे दी.