रांची : मांडर विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट कल जारी हो गया. नेहा शिल्पी तिर्की अपने निकटम प्रतिद्वंदी को गंगोत्री कुजूर को हराकर अपने पिता की विरासत को बचा लिया. हालांकि रिजल्ट से पहले तक मुकाबला त्रिकोणीय होने का कयास लगाये जा रहे थे. क्यों कि पूर्व भाजपा प्रत्याशी देवकुमार धान भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे. जिन्हें ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम का समर्थन प्राप्त था.
लेकिन इसका असर देखने को नहीं मिला. पिछले चुनाव में एआइएमआइएम ने शिशिर लकड़ा को प्रत्याशी बनाया था. उन्हें 23,592 मत मिले थे. इस बार देव कुमार धान को समर्थन किया था. जिसके बाद मतों में बड़ा उलटफेर की बात कही जा रही थी. अगर हम मांडर विधानसभा की बात करें तो 3.54 लाख मतदाता हैं. इनमें लगभग 1.75 लाख सरना (आदिवासी) मतदाता, 74,000 हिंदू, 70,000 मुस्लिम और 30,000 ईसाई मतदाता हैं. ऐसे में ऐसे कयास जा रहे थे कि मुकाबला दिलचस्प होगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
आपको बता दें कि देवकुमार धान साल 2005 का चुनाव भी बंधु तिर्की से हार गये थे. उस समय बंधु यूजीडीपी की टिकट पर मैदान में थे. उसके बाद बंधु ने झारखंड जनाधिकार मंच से चुनाव लड़ा. उस वक्त भी देवकुमार धान कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गये.
मांडर विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद पंडरा में देर शाम शिल्पी नेहा तिर्की को विजय प्रमाण पत्र दिया गया. इसके बाद विजयी जुलूस निकाला गया. वे अपने समर्थकों के साथ जुलूस की शक्ल में बनहौरा स्थित अपने आवास पर पहुंची. समर्थक ढोल, मांदर के साथ जश्न मनाते हजारों समर्थकों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी. मौके पर मंत्री बन्ना गुप्ता, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे.
Posted By: Sameer Oraon