रांची: झारखंड चेंबर ने सोमवार से दूसरे राज्यों से खाद्य सामग्री का आयात ठप करने की घोषणा की है. झारखंड में मंडी शुल्क लागू किये जाने के विरोध में यह फैसला लिया गया है. इसकी पुष्टि करते हुए झारखंड चेंबर के अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा है कि खाद्यान्न की आवक बंद करने के चार दिन बाद व्यवस्था का मूल्यांकन किया जायेगा. इसमें स्टॉक खत्म होने की स्थिति में दुकान खोलने और भविष्य की रणनीति पर मंथन किया जायेगा.
झारखंड में मंडी शुल्क व्यवस्था लागू करने का विरोध करते हुए पूरे राज्य के व्यवसायी सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए व्यवसायियों ने सरकार को 15 मई तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने अब तक मामले में कोई पहल नहीं की. बीते शुक्रवार को इस मुद्दे को लेकर झारखंड चेंबर के पदाधिकारियों ने पंडरा बाजार समिति के व्यवसायियों के साथ बैठक भी की थी. बैठक में 16 मई से दूसरे राज्यों से खाद्यान्न का आयात ठप करने पर सहमति बनी थी.
चेंबर के अनुसार, राज्य में बाहर से खाद्य वस्तुएं नहीं मंगवाने को लेकर सभी जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स, खाद्यान्न व्यवसायी, राइस मिलर्स और फ्लावर मिलर्स के साथ ऑनलाइन बैठक हुई थी, जिसमें सभी ने इस निर्णय पर अपनी सहमति दी है.
झारखंड चेंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा है कि हम सरकार को निवेदन के साथ चेतावनी भी दे रहे हैं कि जब राज्य में खाद्य वस्तुओं की आवक बंद होगी, तो राज्य में माल की उपलब्धता कम हो जायेगी. इससे आनेवाले दिनों में परिस्थितियां विकट हो जायेंगी, जिसे सरकार के लिए संभाल पाना संभव नहीं होगा. ऐसी विकट परिस्थिति की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि हमने इस विधेयक को समाप्त कराने के लिए चरणवार प्रयास किये.
Posted By: Sameer Oraon