रांची. सुप्रीम कोर्ट ने जमशेदपुर के मानगो सहारा सिटी में नाबालिग से गैंगरेप मामले में सजायाफ्ता श्रीकांत महतो व शिवकुमार महतो की जमानत को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने झारखंड हाइकोर्ट द्वारा पूर्व में दी गयी जमानत को रद्द करते हुए श्रीकांत महतो व शिवकुमार महतो को चार सप्ताह में निचली अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया है. खंडपीठ ने पुलिस को निर्देश दिया है कि यदि दोनों सजायाफ्ता निर्धारित समय पर सरेंडर नहीं करते हैं, तो उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया जाये. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता देवेश अजमानी व अधिवक्ता शंभू नंदी ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि पीड़िता की मां की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी याचिका दायर की गयी थी. हाइकोर्ट ने दोनों सजायाफ्ताओं को क्रिमिनल अपील की सुनवाई के दौरान जमानत दी थी. 18 जनवरी 2018 को मानगो सहारा सिटी की एक नाबालिग ने मानगो थाना में शिव कुमार महतो, इंद्रपाल सैनी, श्रीकांत महतो सहित अन्य के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें पीड़िता की मां ने बताया था कि बच्ची के साथ आरोपियों ने दुष्कर्म किया है. गैंगरेप का वीडियो बना कर उसे डरा-धमका कर देह व्यापार कराया जाता था.
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