इडी से बोले मनीष रंजन : वेतन के अलावा खेती से भी आय, वैध स्रोत से खरीदी संपत्ति

ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव व आइएएस मनीष रंजन की आय का मुख्य स्रोत वेतन भत्ता और खेती है. उक्त बयान श्री रंजन ने सोमवार को इडी के अधिकारियों को पूछताछ के दौरान दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 4, 2024 12:42 AM
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विशेष संवाददाता (रांची).

ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव व आइएएस मनीष रंजन की आय का मुख्य स्रोत वेतन भत्ता और खेती है. उक्त बयान श्री रंजन ने सोमवार को इडी के अधिकारियों को पूछताछ के दौरान दिया. इडी के निर्देश पर वह दिन के करीब 11 बजे संपत्ति से संबंधित दस्तावेज लेकर इडी कार्यालय पहुंचे. अधिकारियों ने दस्तावेज की जांच पड़ताल के बाद उनसे संबंधित संपत्ति और उसे खरीदने के लिए इस्तेमाल किये गये आर्थिक स्रोतों से संबंधित मुद्दों पर उनका बयान दर्ज किया. उन्होंने सभी संपत्तियों को वैध आर्थिक स्रोतों से खरीदे जाने का दावा किया. बयान दर्ज करने के बाद इडी ने देर शाम उन्हें छोड़ दिया. इडी की पूछताछ में मनीष रंजन ने अपनी आय के स्रोतों के बारे में बयान दर्ज कराया. इस क्रम में उन्होंने कहा कि वेतन भत्ता के अलावा उनकी आय का स्रोत खेती है. उनके पास छपरा, रांची और देहरादून में खेती योग्य जमीन है. इस पर कृषि कार्य से उन्हें अच्छी खासी आमदनी होती है. छपरा स्थित जमीन को उन्होंने अपनी पैतृक संपत्ति बतायी. रांची और देहरादून की जमीन खरीदने के आर्थिक स्रोतों को उन्होंने अपनी बचत बतायी. इडी ने उनसे ग्रामीण विकास सचिव के रूप में काम करने के दौरान उनकी जिम्मेदारियों, भुगतान, आवंटन आदि से संबंधित प्रक्रिया के मुद्दे पर उनका बयान दर्ज किया. टेंडर प्रक्रिया के संबंध में उन्होंने अपनी जिम्मेवारी नगन्य बतायी. इन्होंने इडी के अधिकारियों के कहा कि टेंडर पेपर का विश्लेषण और एल-वन घोषित करने का काम टेंडर कमेटी का होता है. इसमें सचिव की कोई भूमिका नहीं होती है. इसलिए सचिव पर टेंडर मैनेजर करने में शामिल रहने का आरोप लगाया जाना गलत है. उल्लेखनीय है कि ग्रामीण विकास विभाग में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान कमीशनखोरी और मनी लाउंड्रिंग के मामले की जांच के दौरान इडी ने मई 2024 में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम उनके आप्त सचिव संजीव लाल निजी सहयोगी जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया. जहांगीर के घर से 32.20 करोड़ रुपये जब्त किये गये. इससे पहले वर्ष 2023 में तत्कालीन मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया गया था.

कोयला कारोबारी इजहार अंसारी की हिरासत 18 जून तक बढ़ी :

हजारीबाग के कोयला कारोबारी इजहार अंसारी की पेशी सोमवार को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा के कोर्ट में हुई. कोर्ट ने इजहार की न्यायिक हिरासत अवधि 18 जून तक के लिए बढ़ा दी है. इजहार अंसारी, इश्तियाक अंसारी के अलावा उनकी कंपनी के खिलाफ इडी आरोप पत्र दाखिल कर चुका है. अदालत ने इस पर संज्ञान ले लिया है. 16 जनवरी को इडी ने हजारीबाग स्थित उसके आवास व फैक्ट्री पर छापा मारा था. इसके बाद इजहार को गिरफ्तार किया गया था. जांच एजेंसी के अनुसार 70 करोड़ रुपये के कोल लिंकेज में हेराफेरी करने का इजहार अंसारी पर आरोप है. वहीं, निलंबित आइएएस पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार की पहल पर खान विभाग के अधिकारियों ने इजहार अंसारी की कंपनी को कोल लिंकेज देने की अनुशंसा की थी. इडी ने मनरेगा घोटाला को लेकर की गयी छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के मोबाइल से मिले तथ्यों के आधार पर इजहार अंसारी के घर पर मार्च 2023 में छापा मारा था.

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