Loading election data...

देश के तीन आदिवासी रचनाकारों की पांडुलिपि होंगे पुरस्कृत और प्रकाशित, इस तारीख तक करें जमा

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी साहित्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देश के तीन आदिवासी रचनाकारों की पांडुलिपि पुरस्कृत और प्रकाशित किया जाएगा. इसके लिए 25 जुलाई, 2023 तक अपनी मौलिक और अप्रकाशित पांडुलिपि भेज सकते हैं. इस बात की घोषणा आदिवासी लेखिका वंदना टेटे ने की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2023 11:08 PM
an image

Jharkhand News: नौ अगस्त यानी विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश के तीन आदिवासी रचनाकारों की पांडुलिपियों को पुरस्कृत और प्रकाशित किया जाएगा. यह पुरस्कार आदिवासी साहित्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिया जाएगा. यह पुरस्कार ‘जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य अवार्ड 2023’ के तहत मौलिक और अप्रकाशित पांडुलिपियों को दिए जाएंगे. इस योजना में किसी भी उम्र के आदिवासी रचनाकार भाग ले सकते हैं. इसकी घोषणा राजधानी रांची में प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन की सचिव और आदिवासी लेखिका वंदना टेटे ने की.

तीन पांडुलिपियों को किया जाएगा पुरस्कृत और प्रकाशित

वंदना टेटे ने बताया कि आदिवासियों की नई पीढ़ी और युवाओं के बीच मातृभाषा में लेखन और उनकी सृजनात्मकता के विकास के लिए इस पुरस्कार की शुरुआत पिछले साल से की गई है. इसके तहत आदिवासी मातृभाषा और हिंदी एवं अंग्रेजी सहित किसी भी भारतीय भाषा एवं लिपियों में रचित तीन पांडुलिपियों को पुरस्कृत और प्रकाशित किया जाता है.

पांडुलिपि जमा करने की अंतिम तारीख 25 जुलाई

उन्होंने बताया कि देश के किसी भी आदिवासी समुदाय के लेखक कविता, कहानी, उपन्यास या सामाजिक-राजनीतिक विषयों पर और किसी भी साहित्यिक विधा में इसके लिए अपनी मौलिक और अप्रकाशित पांडुलिपि भेज सकते हैं. पांडुलिपि जमा करने की अंतिम तारीख 25 जुलाई, 2023 है. इसे आप ऑनलाइन https://forms.gle/n57GAnE1Ffgfp84G6 के द्वारा भी जमा कर सकते हैं.

Also Read: रांची में शिक्षा की वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा, परवेज शीतल की पुस्तक ‘साइलेंट रोजेलिंग्स’ का हुआ विमोचन

नौ अगस्त को होगी पुरस्कार की घोषणा

प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन की सचिव ने बताया कि ‘जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य पुरस्कार’ के तहत प्रत्येक विजेता पांडुलिपि का प्रकाशन, उसके लेखक को प्रकाशित पुस्तक की 50 कॉपी निःशुल्क देने, सालाना 10 प्रतिशत की रॉयल्टी का भुगतान करने तथा सम्मान समारोह में 100 प्रतियों की रॉयल्टी एडवांस में नकद प्रदान करने का प्रावधान है. इसके अलावा विजेता रचनाकारों को अंगवस्त्र, मानपत्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान किए जाएंगे. पुरस्कार की घोषणा विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर नौ अगस्त को की जाएगी.

2022 में इन्हें किया गया था पुरस्कृत

वंदना टेटे ने कहा कि ‘जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य पुरस्कार’ 2022 के अंतर्गत उज्जवला ज्योति तिग्गा की कविता पुस्तक ‘धरती के अनाम योद्धा’, महाराष्ट्र के भील आदिवासी सुनील गायकवाड़ की आत्मकथात्मक उपन्यास ‘डकैत देवसिंग भील के बच्चे’ और अरुणाचल प्रदेश के नागा समुदाय तांग्सा के युवा लेखक रेमोन लोंग्कु की कहानी संग्रह ‘कोंग्कोंग-फांग्फांगः अरुणाचल के हेडहंटर्स की कहानियां’ को पुरस्कृत और प्रकाशित किया गया है.

Exit mobile version