Jharkhand Chunav, अभिषेक रॉय(रांची) : विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों का जनसंपर्क अभियान जारी है. प्रत्याशी प्रचार वाहन के लाउडस्पीकर से अपने-अपने वादे सुना रहे हैं. इसके साथ ही प्रत्याशियों का सोशल मीडिया हैंडल भी प्रचार का महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है. सोशल मीडिया हैंडल पर कई प्रत्याशियों के मिलियन और लाखाें में फॉलोवर्स हैं. इसमें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने एक्स हैंडल के 1.1 मिलियन और फेसबुक के 8.38 लाख फॉलोअर्स के साथ टॉप पर हैं. इनके अलावा बाबूलाल मरांडी के फेसबुक हैंडल पर 3.18 लाख और एक्स हैंडल पर 2.9 लाख फॉलोअर्स. वहीं, बड़कागांव की प्रत्याशी अंबा प्रसाद राज्य की अन्य महिला प्रत्याशियों के सोशल मीडिया हैंडल की तुलना में टॉप पर हैं. इनके एक्स हैंडल पर 1.81 लाख और फेसबुक पर 79 हजार फॉलोअर्स हैं, जो लगातार बढ़ रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के बाद हजारों में बढ़े फॉलोअर्स
कई ऐसे भी प्रत्याशी हैं, जो लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इन प्रत्याशियों के सोशल मीडिया फॉलोअर्स अप्रैल माह की तुलना में अब बढ़ चुके हैं. सोशल मीडिया फॉलोअर्स जुटाने के मामले में डुमरी विधानसभा सीट के प्रत्याशी जयराम महतो आगे हैं. अप्रैल माह में जयराम के फेसबुक पर जहां 26 हजार फॉलोअर्स थे, अब 1.63 लाख हो चुके हैं. वहीं एक्स पर 5475 से बढ़कर 9.3 हजार हो गये हैं. जगन्नाथपुर विधानसभा सीट की महिला प्रत्याशी गीता कोड़ा के फेसबुक पर 21 हजार फॉलोवर्स थे और अब 86 हजार हो गये हैं. वहीं एक्स पर 17 हजार से बढ़कर 17.9 हजार फॉलोअर्स हो गये हैं. इसके अलावा जामताड़ा विधानसभा सीट की प्रत्याशी सीता सोरेन के फेसबुक पर जहां 6.3 हजार फॉलोअर्स थे, अब 8.8 हजार और एक्स पर 1.1 लाख था और अब 1.2 लाख हो गये हैं.
शेयर कर रहे रील्स और पोस्ट
सोशल मीडिया हैंडल पर विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी अपनी रोजाना की गतिविधियों को रील्स और पोस्ट के जरिये साझा कर रहे हैं. एक-एक प्रत्याशी 24 घंटे में 10 से 15 पोस्ट शेयर कर रहे हैं. इससे उनका सोशल मीडिया रीच लगातार बढ़ रहा है. प्रत्याशियों ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल और पेज को अपडेट करने के लिए वॉलेंटियर और एजेंसी तक हायर की है. इस टीम में एक कंटेंट राइटर, फोटोग्राफर और डिजाइनर हैं, जो जनसंपर्क अभियान के दौरान प्रत्याशियों के साथ बने रहते हैं. जहां जैसी प्रतिक्रिया वहां के पोस्ट उसी अंदाज में तैयार किये जाते हैं. सोशल मीडिया हैंडल पर हैशटैग के साथ इन पोस्ट को लगातार वायरल भी किया जा रहा है. प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग की ओर से प्रतिबंधित प्रचार माध्यम के बाद वोटर्स को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया का रास्ता चुन लिया है.
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