राजधानी रांची में एक दर्जन से अधिक सड़क परियोजनाएं लक्ष्य से पीछे

कई योजनाओं पर अभी तक काम भी शुरू नहीं हो सका है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 12, 2024 12:12 AM

रांची. राजधानी में एक दर्ज से अधिक सड़क परियोजनाएं लक्ष्य से काफी पीछे चल रही हैं. इस वजह से योजनाओं के पूरा होने में काफी समय लगने का अनुमान है. समय सीमा समाप्त होने के बाद ही योजनाएं पूर्ण होंगी. कई योजनाओं पर अभी तक काम भी शुरू नहीं हो सका है, जबकि इन योजनाओं का टेंडर हो गया है.

नहीं शुरू हो पाया है इन सड़कों पर काम

दुर्गा सोरेन चौक से रामपुर रिंग रोड तक फोरलेन रोड, चंदाघासी से रिंग रोड (एयरपोर्ट का वैकल्पिक रोड) और अरगोड़ा से कटहल मोड़ रोड का टेंडर हो गया है. ठेकेदारों को काफी पहले ही कार्य आवंटित किये गये हैं. लेकिन, इन सड़कों पर काम दिख नहीं रहा है.

लटका हुआ है टेंडर

पंडरा से कांके रोड तक फोरलेन सड़क का निर्माण कराना है. भू-अर्जन की प्रक्रिया की गयी है. पथ निर्माण विभाग ने भू-अर्जन के लिए राशि भी दे दी है. इस योजना के लिए पिछले साल ही टेंडर हो गया था, पर अभी तक इसका निबटारा नहीं हुआ है. इस कारण ठेकेदार का चयन भी बाकी है.

समय सीमा खत्म, पर काम नहीं हुआ पूरा

विकास से कांटाटोली होते हुए दुर्गा सोरेन चौक तक सड़क का काम समय से शुरू तो हुआ था, पर इसका काम अभी भी बहुत धीमा है. समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी इसका काम खत्म नहीं हुआ. अभी और एक साल लगने का अनुमान है.

इन सड़कों का काम काफी पीछे

बड़गाईं से लेम होते हुए बोड़ेया तक की सड़क का काम भी काफी पीछे चल रहा है. नयासराय में आरओबी निर्माण के लिए फिर से प्रयास किया गया. इस पर काम तो शुरू हुआ, लेकिन एक साल बाद भी इसका काम पूरा नहीं हुआ है. नेपाल हाउस व कुसई कॉलोनी से होते हुए रांची रेलवे स्टेशन के लिए दूसरी सड़क का काम दिसंबर में ही पूरा हो जाना था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है.

दो फ्लाइओवर को जोड़ने की योजना भी धीमी

कांटाटोली फ्लाइओवर और सिरमटोली फ्लाइओवर को जोड़ने के लिए योजना तैयार हुई है. इसके लिए टेंडर भी हुआ है, पर पांच-छह माह बाद भी इसके निर्माण पर कुछ नहीं हो सका है.

लटकी रह गयी हरमू फ्लाइओवर की योजना

पथ निर्माण विभाग ने हरमू फ्लाइओवर के निर्माण की भी योजना बनायी थी. इसके लिए प्राधिकार समिति और मुख्यमंत्री से स्वीकृति भी ले गयी, लेकिन बाद में इस पर मंत्रिपरिषद की मंजूरी नहीं ली जा सकी. इस कारण लंबे समय से यह योजना लटकी हुई है.

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