रांची: आदिवासी सेंगेल अभियान की मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा गुरुवार को रांची पहुंची. इस अवसर पर यात्रा का नेतृत्व कर रहे सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका के समक्ष कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य आदिवासी बचाओ जन जागरण और जन एकता है.
उन्होंने कहा कि 2023 में हर हाल में आदिवासियों के प्रकृति पूजा धर्म- सरना धर्म कोड को लागू कराने के लिए सेंगेल 11 फरवरी को एक दिन के लिए झारखंड समेत पांच राज्याें में सुबह से शाम तक रेल रोड चक्का जाम करेगा. वहीं 11 अप्रैल से अनिश्चितकालीन रेल रोड चक्का जाम किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि मरांग बुरु हमारे लिए राम मंदिर से कम नहीं है. राम मंदिर आंदोलन की तरह मरांग बुरु आंदोलन भी आक्रमक हो सकता है. मरांग बुरु पर पहला अधिकार हम आदिवासियों का है. उन्होंने बताया कि आदिवासी छात्र संघ ने भी चक्का जाम का समर्थन किया है.
ज्ञात हो कि गिरिडीह स्थित पारसनाथ पहाड़ ‘मरांग बुरु’ को बचाने के लिए भारत यात्रा की शुरुआत बीते माह जमशेदपुर से हुई थी. इसका नेतृत्व आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू कर रहे हैं. तब पूर्वी सिंहभूम जिले के 50 से अधिक स्थानों पर आदिवासियों ने धरना प्रदर्शन कर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था.
ज्ञात हो कि इस मामले को लेकर 14 जनवरी 2023 को भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी एक चिट्ठी लिखी गयी थी. जिसमें इन तमाम मुद्दों की जानकारी महामहिम को दी गयी थी. इसके बाद 30 जनवरी 2023 को 5 प्रदेशों (झारखंड, बंगाल, उड़ीसा, बिहार, असम) के 50 जिला मुख्यालयों पर मरांग बुरु बचाने, सरना धर्म कोड को मान्यता देने और अन्य आदिवासी मामलों की मांग के समर्थन में मशाल जुलूस निकाला गया था.